गेहूं के बाद अब चावल की महंगाई घटाने में भी जुटी सरकार, राज्यों के लिए नई गाइडलाइन जारी

गेहूं के बाद अब चावल की महंगाई घटाने में भी जुटी सरकार, राज्यों के लिए नई गाइडलाइन जारी

एफसीआई से राज्यों को दिए जाने वाले चावल में फोर्टिफाइड चावल भी होंगे. राज्य सरकारें कई तरह की स्कीम चलाती हैं, जैसे आंगनबाड़ी या स्कूल में खाना देने का प्रोग्राम या निम्न आय वाले लोगों के लिए अनाज वितरण आदि. इन स्कीमों के लिए राज्य सरकारें एफसीआई से 3400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद सकती हैं.

चावल खरीद के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की हैचावल खरीद के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 28, 2023,
  • Updated Jan 28, 2023, 6:03 PM IST

केंद्र सरकार की एक गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकारें फूड कॉरपोरेशन से 34 रुपये किलो की दर से चावल खरीद सकती हैं. राज्य सरकारें इस चावल का इस्तेमाल अपनी स्कीमों में कर सकती हैं. कई राज्यों में गरीबों के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाई जाती हैं जिनमें लोगों को अनाज दिया जाता है. नए निर्देश में कहा गया है, राज्य सरकारें फूड कॉरपोरेशन (FCI) से 3400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद कर अपनी स्कीमों में उपयोग कर सकती हैं. चावल की महंगाई रोकने और आम लोगों को सस्ती दरों पर चावल मुहैया कराने के लिए इस निर्देश का ऐलान किया गया है. 

एक दिन पहले ही केंद्र ने खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं सस्ती दर पर बेचने का ऐलान किया था. खुले बाजारों में चावल और गेहूं की बढ़ती महंगाई कम करने के लिए सरकार इन कदमों की घोषणा कर रही है. इन दोनों कदमों से खुले बाजारों में गेहूं और चावल की बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. चावल को लेकर सरकार ने अभी गाइडलाइन जारी की है जिसका बाद में ओपन मार्केट सेल का फैसला आ सकता है.

केंद्र की नई गाइडलाइन

केंद्र सरकार की यह नई गाइडलाइन 2023 के लिए है जिसमें चावल की अलग-अलग कैटगरी के लिए दाम फिक्स किए गए हैं. इसी दाम पर राज्य सरकारों को एफसीआई से चावल की बिक्री की जाएगी. हालांकि किस राज्य को कितना और कब चावल मुहैया कराना है, इसका पूरा अधिकार एफसीआई के पास है. एफसीआई चावल की उपलब्धता को देखते हुए बिक्री की मात्रा और सप्लाई का समय तय करेगा. 

ये भी पढ़ें: Weather Update: दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा में बारिश का अनुमान, जानें बाकी राज्यों का हाल

एफसीआई से राज्यों को दिए जाने वाले चावल में फोर्टिफाइड चावल भी होंगे. राज्य सरकारें कई तरह की स्कीम चलाती हैं, जैसे आंगनबाड़ी या स्कूल में खाना देने का प्रोग्राम या निम्न आय वाले लोगों के लिए अनाज वितरण आदि. इन स्कीमों के लिए राज्य सरकारें एफसीआई से 3400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद सकती हैं. चावल खरीद के लिए राज्य सरकारों को किसी टेंडर या नीलामी (ई-ऑक्शन) में जाने की बाध्यता नहीं होगी. 

अगर कोई कंपनी बायो-फ्यूल पॉलिसी के तहत इथेनॉल बनाने के लिए चावल खरीदना चाहती है, तो उसे ई-ऑक्शन के जरिये ही एफसीआई से खरीद करनी होगी. केंद्र सरकार ने इस मद में चावल का भाव 2000 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. राज्य सरकारें अगर एफसीआई से फोर्टिफाइड चावल खरीदती हैं, तो उन्हें प्रति क्विंटल 73 रुपये अतिरिक्त देने होंगे.

क्या है केंद्र का निर्देश

राज्यों को जारी गाइडलाइंस में केंद्र ने कहा है कि मौजूदा धान खरीद सीजन में जिन राज्यों में धान की सरप्लस खरीद चल रही है, वहां प्राइवेट कंपनियां अपने लिए चावल नहीं खरीद सकतीं. केवल इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों को ही इस नियम से छूट दी गई है. जिन राज्यों में धान की खरीद कम हो रही है या खरीद लक्ष्य से पीछे चल रही है, वहां प्राइवेट कंपनियां चावल की खरीद कर सकती हैं. इसके लिए प्राइवेट कंपनियों को ऑनलाइन टेंडर यानी कि ई-ऑक्शन में हिस्सा लेना होगा जिसकी अनुमति खाद्य मंत्रालय ही देगा.

ये भी पढ़ें: Budget 2023-24: 'किसान की आमदनी हो सकती है दोगुनी', आर.एस सोढ़ी ने बताया ये उपाय

एक अन्य नोटिफिकेशन में खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि छोटे व्यापारी अगर एक से नौ टन तक गेहूं खरीदना चाहते हैं, तो वे किसी एक एफसीआई डिपो से इतना गेहूं बिना किसी नीलामी के खरीद सकते हैं. एक व्यापारी को एक एफसीआई डिपो से अधिकतम 9 टन तक गेहूं मिल सकता है. इसके लिए गेहूं की कीमत 23.50 रुपये प्रति किलो निर्धारित की गई है. इसके अलावा कम्युनिटी किचन चलाने वाले, रिलीफ ऑपरेशन में शामिल चैरिटेबल और एनजीओ, प्रवासी मजदूरों और गरीब कल्याण में लगी एजेंसियां एफसीआई से 23.50 रुपये गेहूं और 24 रुपये की दर से चावल खरीद सकती हैं.

MORE NEWS

Read more!