
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को राज्य के बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए 1,033 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त वित्तीय मदद जारी करने की घोषणा की. यह राशि राज्य सरकार द्वारा पहले वितरित की गई SDRF सहायता से अलग है और इसे राहत प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से तत्काल प्रभाव से जारी किया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल की बाढ़ और लगातार खराब मौसम के चलते राज्य में 14.58 लाख हेक्टेयर फसलों को नुकसान हुआ है. कुल 14.24 लाख किसान सीधे प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि SDRF के प्रावधानों के तहत पहले भी किसानों को मुआवजा दिया गया था, लेकिन वास्तविक नुकसान कहीं बड़ा है, इसलिए सरकार ने अतिरिक्त आर्थिक पैकेज देने का निर्णय लिया है. राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने जानकारी दी कि घोषित राशि जिला उपायुक्तों के खातों में भेज दी गई है और वे ही इसे किसानों को ट्रांसफर करेंगे.
किसानों को भुगतान आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम यानी AEPS के माध्यम से सीधे उनके खातों में मिलेगा. सरकार का दावा है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और राशि बिना देरी के लाभार्थियों तक पहुंचेगी.
सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार से तत्काल सहयोग की मांग दोहराते हुए बताया कि राज्य पहले ही 1,521.67 करोड़ रुपये की रिकवरी और पुनर्निर्माण सहायता तथा 614.9 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में मांगे जाने का प्रस्ताव भेज चुका है. राज्य सरकार ने केंद्र को यह भी अवगत कराया है कि कुल संपत्ति नुकसान 3,455 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत राशि के लिए राज्यों को नियमों के दायरे में रहकर ही मांग रखनी होती है. इसी आधार पर कर्नाटक ने 1,521.67 करोड़ रुपये की केंद्र हिस्सेदारी का अनुरोध किया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार किसानों की कठिनाइयों को देखते हुए जल्द से जल्द अपना हिस्सा जारी करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर स्थिति में किसानों के साथ खड़ी है और उनकी परेशानियों को कम करना सर्वोच्च प्राथमिकता है.
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 नवम्बर को कर्नाटक और गोवा के दौरे पर रहेंगे. सुबह लगभग 11:30 बजे वे कर्नाटक के उडुपी स्थित श्री कृष्ण मठ पहुंचेंगे, जहां वे ‘लक्ष-कंठ गीता पारायण’ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस आध्यात्मिक आयोजन में लगभग एक लाख प्रतिभागी- विद्यार्थी, संत, विद्वान और आम नागरिक एक स्वर में श्रीमद् भगवद्गीता का पाठ करेंगे.
उडुपी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री सुर्णा तीर्थ मंटप का उद्घाटन भी करेंगे. यह मंटप कृष्ण मंदिर के गर्भगृह के सामने निर्मित किया गया है. इसके साथ ही पीएम मोदी पवित्र ‘कनाकना किड़ी’ के लिए बने ‘कनक कवच’ (स्वर्ण आवरण) को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. माना जाता है कि यहीं से संत कनकदास को भगवान कृष्ण के दिव्य दर्शन प्राप्त हुए थे. गौरतलब है कि उडुपी का श्री कृष्ण मठ लगभग 800 वर्ष पुराना है, जिसकी स्थापना दार्शनिक आचार्य और द्वैत वेदांत परंपरा के प्रवर्तक श्री माधवाचार्य ने की थी. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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