केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े डिजिटल कृषि व्यापार मंच राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) को और मजबूत करते हुए बुधवार को 9 नई फसलों (उत्पादों) को प्लेटफॉर्म में शामिल किया. इसके साथ ही e-NAM पर ट्रेड होने वाले कृषि उत्पादों की कुल संख्या बढ़कर 247 हो गई है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा की गई इस पहल का उद्देश्य किसानों और व्यापारियों के लिए पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और गुणवत्तापरक डिजिटल व्यापार मंच उपलब्ध कराना है, जिससे वे पूरे देश के बाजारों से जुड़ सकें.
इन उत्पादों के लिए डायरेक्टरेट ऑफ मार्केटिंग एंड इंस्पेक्शन (DMI) ने राज्यों, व्यापारियों, विषय विशेषज्ञों और SFAC से व्यापक परामर्श के बाद मानक ट्रेडेबल पैरामीटर्स तय किए हैं. इन मानकों को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंजूरी मिली है. इन पैरामीटर्स के जरिए किसानों को उनके उत्पाद की गुणवत्ता के अनुरूप उचित मूल्य मिल सकेगा, जिससे बिचौलियों पर निर्भरता घटेगी और मोलभाव करने की क्षमता बढ़ेगी.
e-NAM पर अब तक 238 उत्पादों के लिए पैरामीटर तय किए जा चुके थे, जिनमें 9 नई फसलों के जुड़ने से यह संख्या बढ़कर 247 हो गई है. अब ये सभी पैरामीटर्स e-NAM पोर्टल (enam.gov.in) पर उपलब्ध हैं.
सरकार का कहना है कि यह कदम कृषि व्यापार को गुणवत्ता आधारित, पारदर्शी और किसान हितैषी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे किसानों को बेहतर बाजार पहुंच, उचित दाम और आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा. सरकार का संकल्प है कि हर किसान को डिजिटल साधनों के जरिए सशक्त किया जाए और कृषि क्षेत्र में समावेशी विकास को गति दी जाए.
वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिन नई दिल्ली में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर 2025 को किसानों की समृद्धि और कल्याण को समर्पित कई ऐतिहासिक योजनाएं लॉन्च करेंगे. यह पहल देश में रबी बुवाई सीजन की शुरुआत के साथ नए युग की शुरुआत करेगी.
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत का कृषि क्षेत्र लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है और अब दुनिया की "फूड बास्केट" बनने की दिशा में अग्रसर है. उन्होंने कहा कि देश की विकास यात्रा नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुकी है और अब भारत की प्रगति की तुलना पिछली सरकारों से नहीं, बल्कि वैश्विक मानकों से की जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना और पौष्टिक अनाज को बढ़ावा देना केंद्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकताएं हैं. वर्ष 2014 से अब तक देश में अनाज उत्पादन में 40% की वृद्धि हुई है, जिसमें गेहूं, धान, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों की रिकॉर्ड पैदावार हुई है. उन्होंने कहा, “भारत आज गेहूं और चावल में पूरी तरह आत्मनिर्भर है और अब तक 4 करोड़ टन से अधिक कृषि उत्पाद निर्यात किए जा चुके हैं. हालांकि, दालों के मामले में अभी और सुधार की जरूरत है.”
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