केंद्र सरकार ने फसलों के नुकसान की स्थिति में किसान को आर्थिक भरपाई के लिए पीएम फसल बीमा योजना चला रही है. किसानों से इस योजना के जरिए अपनी फसल को संभावित नुकसान से बचाने के लिए बीमा कराने की अपील की है. खरीफ सीजन में बोई गई धान की 2 हेक्टेयर फसल बर्बाद होती है तो बीमा कराने वाले किसान को भरपाई के रूप में 1.29 लाख रुपये तक मिल सकते हैं.
केंद्र सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना को स्वेच्छिक रखा है. यानी किसान चाहे तो अपनी फसल का बीमा कराए चाहे तो नहीं. केंद्र ने कई राज्यों के किसानों को बीमा योजना का लाभ देने के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है. इसका मतलब है कि किसानों के पास अभी भी अपनी फसल का बीमा कराने का मौका है. वहीं, केसीसी कार्ड धारक किसानों के लिए 25 अगस्त तक की डेडलाइन दी गई थी. इससे पहले पीएम फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 16 अगस्त थी, जिसे बढ़ाया गया था.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बीते वित्त वर्ष में पीएम फसल बीमा योजना के तहत करीब 4 करोड़ किसानों को फायदा पहुंच चुका है. खरीफ सीजन के लिए अब तक 8.69 करोड़ आवेदन पहुंचे हैं. पीएम फसल बीमा योजना की शुरूआत जनवरी 2016 में की गई थी. इन 8 वर्षों के दौरान 70 करोड़ से अधिक किसानों के आवेदन मिले हैं. इनमें से 19.67 करोड़ से अधिक किसान आवेदनों को फसल मुआवजा दिया गया है. इसके तहत 1.64 लाख करोड़ से अधिक राशि का बीमा क्लेम भुगतान किया जा चुका है.
पीएम फसल बीमा योजना के अनुसार फसल का बीमा कराने पर सम इंश्योर्ड रकम का 4.1 फीसदी प्रीमियम भुगतान करना होता. इसमें से 2 फीसदी प्रीमियम किसान देता है और 2.1 फीसदी प्रीमियम सरकार वहन करती है. ध्यान दें कि खरीफ सीजन और रबी सीजन के लिए प्रीमियम राशि अलग-अलग हो सकती है.
पीएम फसल बीमा योजना के तहत खरीफ सीजन के लिए 2 हेक्टेयर धान फसल का बीमा इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस से कराने पर सम इंश्योर्ड रकम 64,800 रुपये बनती है और इसका प्रीमियम 4.1 फीसदी होता है. लेकिन, किसानों को सरकार की ओर से प्रीमियम चुकाने पर राहत दी गई है, जिसके बाद केवल 2 फीसदी प्रीमियम यानी 2,592 रुपये किसान बीमा कंपनी इफको टोकियो को चुकाएगा और बाकी 2.1 फीसदी यानी 2721 रुपये सरकार वहन करती है. बीमा होने के बाद अगर धान फसल बर्बाद होती है तो किसान को नुकसान की भरपाई के रूप 1,29,600 रुपये तक मिलेंगे. हालांकि, यह रकम फसल नुकसान के मूल्यांकन के आधार कम भी हो सकती है.