मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव अपने फैसलों को लेकर काफी चर्चा में हैं. वह लगातार अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. दरअसल नए साल के बाद हुई पहली कैबिनेट की बैठक सीएम ने जबलपुर में राज्य के किसानों के लिए एक अहम फैसला लिया. सीएम मोहन यादव ने राज्य के कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार और बाजरा जैसे मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पैसा देने का फैसला लिया है. ये पैसा किसानों को रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत देगी. इससे राज्य के किसानों में मोटे अनाज की खेती करने की रुचि बढ़ेगी साथ ही मोटे अनाज खाने के प्रति भी लोगों के बीच जागरूकता फैलेगी.
मध्य प्रदेश में सरकार ने श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया है. इस योजना के अंतर्गत श्रीअन्न यानी कोदो कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा, कंगनी, संवा और चेना के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपये दिए जाएंगे. यह राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी. यह जानकारी शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी है.प्रदेश सरकार मोटे अनाज का उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण और ब्रांडिंग करने के लिए इस योजना को संचालित करने का फैसला ली है.
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ये अनाज प्रमुख रूप से मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, शहडोल, अनूपपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, सीधी और सिंगरौली जिलों में उगाए जाते हैं. मोटे अनाज की खपत और उसके उत्पादन को बढ़ावा देने और इस बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को इंटरनैशनल इयर ऑफ द मिलेट घोषित किया था. वहीं बैठक में ये भी फैसला लिया गया है कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर भी प्रतिबोरा 3000 से बढ़ाकर 4000 रुपये किया जाएगा.
मोटे अनाज अपने कई बेहतर गुणों के लिए जाने जाते हैं, जिसमें से पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ होना इनका प्रमुख गुण है. इसके साथ-साथ ये सीमित व्यवस्थाओं में भी पैदावार देने की क्षमता रखते हैं. ये खनिज पदार्थो और मिनिरल्स से भरपूर होते हैं. यही कारण है कि दुनिया भर के लोगों को पोषण से भरपूर भोजन देने के लिए इनके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं यह कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज भी हैं.