
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव मनोज आहूजा ने बुधवार को एग्री इंफ्रा फंड (Agriculture Infrastructure Fund) के तहत बैंकों के लिए भारत (बैंक्स हेराल्डिंग एक्सेलेरेटेड रूरल एंड एग्रीकल्चर ट्रांसफॉर्मेशन) नामक एक नया अभियान शुरू किया. करीब 7200 करोड़ रुपये के लक्ष्य के साथ एक महीने तक चलने वाला यह अभियान 15 जुलाई 2023 से 15 अगस्त 2023 तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लॉन्च किया गया था. इसके तहत ज्यादा लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. अभियान की शुरुआत के समय 100 से अधिक बैंकिंग अधिकारियों ने भाग लिया. जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंकों के एमडी, अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक शामिल थे. इसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, एनबीएफसी और चुनिंदा सहकारी बैंक शामिल रहे.
बैंक और मंत्रालय के अधिकारियों की सभा को संबोधित करते हुए एआईएफ के संयुक्त सचिव सैमुअल प्रवीण कुमार ने इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत के बाद से हुई प्रगति पर प्रकाश डाला. अपने स्वागत भाषण में उन्होंने इस योजना को बढ़ावा देने के लिए बैंकों की सक्रिय भागीदारी और समर्थन की सराहना की. जिसके परिणामस्वरूप देश में 31,850 से अधिक कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण हुआ. जिसमें 24750 करोड़ की ऋण राशि एआईएफ के तहत दी गई है.
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आहूजा ने प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट के समर्थन पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए बैंकों के भाग लेने वाले अधिकारियों ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई सुझाव दिए. सचिव ने विभिन्न श्रेणियों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले बैंकों, अर्थात भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक, मध्यांचल ग्रामीण बैंक और पंजाब ग्रामीण बैंक को उनके सराहनीय प्रयास के लिए बधाई दी.
इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए और सभी बैंकों से हमारे देश में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की विशाल संभावनाओं को देखते हुए लक्ष्य हासिल करने की अपील की. बैंकों को योजना के तहत बनाई गई परियोजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रभाव का आकलन करने की भी सलाह दी गई.
केंद्र सरकार ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना की शुरुआत इसलिए की थी ताकि कृषि क्षेत्र में जो कटाई के बाद भंडारण की सुविधा का अभाव है उसे पूरा किया जा सके. इसलिए एक लाख करोड़ रुपये का एक फंड बनाया गया. जिसके तहत गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस, प्रोसेसिंग यूनिट्स और पैकेजिंग यूनिट की स्थापना करने के लिए पैसा मिलता है. इस योजना के तहत सात साल के लिए 2 करोड़ रुपये तक का लोन मिलता है. सरकार 3 फीसदी ब्याज में छूट देती है. दो करोड़ रुपये के लोन के लिए क्रेडिट गारंटी मिलती है.
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