
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर जिले के गौतमपुरा में आयोजित कार्यक्रम में भावांतर भुगतान योजना के तहत प्रदेश के 1.34 लाख किसानों को 249 करोड़ रुपये सिंगल क्लिक से ट्रांसफर किए. उन्होंने बताया कि अब तक 4.39 लाख से अधिक किसान 7.85 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन बेच चुके हैं और भावांतर भुगतान योजना ने बाजार भाव में गिरावट से होने वाले नुकसान की प्रभावी भरपाई कर किसानों की आय को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं और उनकी मेहनत, समर्पण तथा जोखिमों का सम्मान करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रत्येक किसान को उसकी फसल का समुचित मूल्य मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.
डॉ. यादव ने कहा कि किसानों के घर-आंगन में खुशहाली और आर्थिक समृद्धि लाना सरकार का मूल उद्देश्य है और इसी दिशा में भावांतर योजना एक मजबूत सहारा बन रही है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए धन की कोई कमी नहीं है और राज्य सरकार भावांतर की राशि उपलब्ध करा रही है, जबकि केंद्र सरकार सम्मान निधि के रूप में अतिरिक्त आर्थिक संबल दे रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई खेत सिंचाई सुविधा से वंचित नहीं रहेगा और एक-एक खेत तक पानी पहुंचाने का कार्य तेज किया जा रहा है. देपालपुर क्षेत्र में 1538 करोड़ रुपये की लागत से चंबल नदी पर बन रहा बैराज 27 हजार हेक्टेयर रकबे की सिंचाई सुनिश्चित करेगा, जिससे 75 गांव सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सोलर पावर पंपों को बढ़ावा देने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि किसान अपनी ही बिजली से खेत, घर और दुकान रोशन कर सकेंगे और बिजली बिल की समस्या समाप्त हो जाएगी. उन्होंने प्रदेश में तेजी से हो रहे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए यह भरोसा दिलाया कि विकास का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा.
इस अवसर पर उन्होंने इंदौर-देपालपुर फोरलेन रोड निर्माण, गौतमपुरा में महाविद्यालय खोलने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करने सहित कई घोषणाएं कीं. कार्यक्रम में मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में किसान और लाड़ली बहनें मौजूद रहीं.