ई-किसान उपज निधि स्कीम में मिला 21 लाख का लोन, आप भी कर सकते हैं अप्लाई

ई-किसान उपज निधि स्कीम में मिला 21 लाख का लोन, आप भी कर सकते हैं अप्लाई

सरकार की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, ई-कुन पोर्टल पर कुल 19 किसानों ने लोन के लिए आवेदन किया है जिनमें सबसे अधिक संख्या राजस्थान में 10 है जबकि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से एक, गुजरात से पांच, मध्य प्रदेश से 2 किसानों ने इस पोर्टल के जरिये लोन के लिए अप्लाई किया है.

Farmer in his farm (Repesentative Image/AI)Farmer in his farm (Repesentative Image/AI)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 26, 2025,
  • Updated Mar 26, 2025, 6:57 PM IST

देश में 26 मार्च की तारीख तक, कुल 26 बैंक ई-किसान उपज निधि (ई-कुन) पोर्टल पर शामिल हो चुके हैं. ई-केयूएन पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों के लिए सरकारी सिबिल स्कोर की जरूरत नहीं है. इस साल के 17 मार्च तक ई-केयूएन पोर्टल पर लोन के लिए आवेदन करने वाले किसानों की संख्या का राज्यवार विवरण जारी कर दिया गया है. यह संख्या 19 है. इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को कुल 21,61,700 रुपये की लोन राशि बांटी गई है.

सरकार की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, ई-कुन पोर्टल पर कुल 19 किसानों ने लोन के लिए आवेदन किया है जिनमें सबसे अधिक संख्या राजस्थान में 10 है जबकि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से एक, गुजरात से पांच, मध्य प्रदेश से 2 किसानों ने इस पोर्टल के जरिये लोन के लिए अप्लाई किया है. यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमूबेन जयंतीभाई बांभनिया ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी.

स्कीम में ये बैंक शामिल

सरकार ने बताया है कि ई-कुन पोर्टल पर देश के 26 बैंक जुड़े हैं जो किसानों को लोन मुहैया कराते हैं. इन बैंकों में 12 नेशनलाइज्ड बैंक हैं जबकि 14 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं. 12 नेशनलाइज्ड बैंकों में सेंट्रल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और यूको बैंक शामिल हैं.

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इसके अलावा क्षेत्रीय बैंकों में आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक, बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, कर्नाटक ग्रामीण बैंक, कर्नाटक विकास ग्रामीण बैंक, केरल ग्रामीण बैंक, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक, महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक, मेघालय ग्रामीण बैंक, पुदुवई भारथिअर ग्राम बैंक (पुडुचेरी), सप्तगिरी ग्रामीण बैंक (आंध्र प्रदेश), सर्व हरियाणा ग्रमीण बैंक और तमिलनाडु ग्राम बैंक शामिल हैं.

किन किसानों को मिलता है लाभ

इस योजना में उन किसानों को लोन का लाभ मिलता है जिन्होंने अपनी उपज को वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) रजिस्टर्ड गोदामों में रखा है. इन उपजों की रसीद के आधार पर किसानों को लोन की सुविधा दी जाती है. इन किसानों के पास गोदाम की ओर से 'इलेक्ट्रॉनिक निगोशिएबल वेयरहाउस रसीद' होनी चाहिए. लोन देने के लिए बैंकों में इस रसीद को जमा करना होता है. इस स्कीम में किसान को लोन लेने के लिए कोई सिक्योरिटी या गारंटी देने की जरूरत नहीं होती. किसान को 7 परसेंट की ब्याज दर पर लोन दिया जाता है.

इस योजना का क्या है फायदा

सरकार ने यह योजना इसलिए शुरू की ताकि किसान गोदाम की कमी से औने-पौने दाम पर अपनी उपज को न बेचें. कई बार ऐसा होता है कि किसान को पैसे की जरूरत होती है और उसके पास उपज रखने की जगह नहीं होती तो वह व्यापारियों को कम पैसे में उपज बेचकर पैसे की जरूरत पूरी करता है. इस योजना को शुरू करने के पीछे मकसद है कि किसान अपनी उपज को सरकारी गोदाम में रखे और पैसे की जरूरत पूरी करने के लिए उपज के बदले लोन ले. फिर उसे अपने हिसाब से आसान ब्याज पर चुका दे.

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