किसानों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए भारतीय रेल ने किसान रेल (Kisan Rail) चलाई है. इसकी शुरुआत साल 2020 में की गई और तब से रेलवे ने 2359 किसान रेल का संचालन किया है. इस रेल से किसानों की उपज की ढुलाई की जाती है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में जब से किसान रेल की शुरुआत हुई है, तब से अभी तक 7.9 लाख टन फल, सब्जी आदि की ढुलाई हो चुकी है. इस बात की जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दी. किसान रेल से ढुलाई का खर्च कम होने की वजह से किसान भी परिवहन के इस साधन को अधिक पसंद कर रहे हैं.
लोकसभा में एक लिखित जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि किसान रेल से 7 अगस्त 2020 से 31 जनवरी 2023 तक 7.9 लाख टन फल, सब्जी, दूध, पनीर (जल्द खराब होने वाले सामान) की ढुलाई की गई है. रेल मंत्री ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय से परामर्श करने के बाद किसान रेल सर्विस के रूट तय किए गए हैं. इसमें पशुपालन, मछली पालन, राज्य सरकारों और स्थानीय निकाय के साथ एजेंसियों से भी संपर्क किया गया है. इन सभी मंत्रालयों और संस्थाओं से बात करने के बाद किसान रेल (Kisan Rail) की सर्विस शुरू की गई है.
रेल मंत्री ने कहा कि पिछले साल 31 मार्च तक किसान रेल की ढुलाई पर खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ओर से 50 परसेंट तक सब्सिडी दी गई थी. यह सब्सिडी किसान रेल से फलों और सब्जियों की ढुलाई के लिए दी गई थी. लेकिन 31 मार्च के बाद खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ओर से इस सब्सिडी को बंद कर दिया गया है. हालांकि रेलवे अभी भी सब्सिडी दे रहा है जिसकी दर 45 परसेंट तक है. यानी किसान रेल से सब्जियों, फलों आदि की ढुलाई पर 45 परसेंट तक की सब्सिडी ली जा सकती है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सब्सिडी देने का काम 31 मार्च तक जारी रहेगा.
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रेल मंत्री के मुताबिक, साल 2020-21 के दौरान रेलवे ने 27.79 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की जिसे बाद में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने रीम्बर्स किया. दूसरी ओर, साल 2021-22 के दौरान रेलवे ने किसान रेल से ढुलाई पर 121.86 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की. इसमें से केवल 50 करोड़ रुपये की सब्सिडी ही खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ओर से दी गई. मौजूदा वित्त वर्ष में रेल मंत्रालय ने किसान रेल के लिए 4 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है.
किसान रेल में ही एक चर्चा ये भी चल रही है कि कुछ रेल के डिब्बे ऐसे भी बनाए जिसमें तापमान को नियंत्रित कर स्टोरेज फैसिलिटी खड़ी की जाए. इसे किसान रेल स्कीम में ही लाने की मांग की जा रही है. इसके बारे में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस तरह के डिब्बे की मांग अभी तक न तो किसानों से और न ही व्यापारियों से मिली है. अगर ऐसी मांग आती है, तो उसे देखा जाएगा.
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सरकार ने किसानों की सुविधा बढ़ाने के लिए किसान रेल स्कीम (kisan rail scheme) शुरू की है जिसमें उपज या पैदावार को एक स्थान से दूसरे स्थान पर कम खर्च में भेजा जाता है. जल्द खराब होने वाली उपज अगर कम समय में बाजार में न पहुंचाई जाए तो किसान को भारी घाटा होता है. इससे किसानों को उबारने के लिए सरकार ने 2020 में किसान रेल स्कीम की शुरुआत की.(ANI)