आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 'जगन्नाना विद्या दीवेना योजना' के तहत 708.68 करोड़ रुपये की राशि जारी की है. खास बात यह है कि सीएम रेड्डी ने अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तिमाही के लिए ये राशि जारी की है. 9,44,666 माताओं और छात्रों के ज्वाइंट अकाऊंट में ये राशि सीधे पहुंची है. अभी तक राज्य सरकार विद्या दीवेना और वासथी दीवेना योजनाओं को लागू करने पर 18,002 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, जिसमें 708.68 करोड़ रुपये की नवीनतम सहायता राशि भी शामिल है.
कृष्णा जिले के पमारू में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ने 708.68 करोड़ रुपये की राशि जारी की है. अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में आईटीआई, पॉलिटेक्निक, डिग्री, इंजीनियरिंग, मेडिसिन और अन्य पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करने वाले 93 प्रतिशत छात्र विद्या दीवेना योजना का लाभ उठा रहे हैं. इन छात्रों को पूरी फी स्कीम की राशि से ही भरी जाती है. इस योजना का मुख्य उदेश्य गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने में मदद करना है.
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वाईएसआरसी सरकार तिमाही के पूरा होने के तुरंत बाद नियमित रूप से कुल शुल्क की प्रतिपूर्ति कर रही है. यह एक परिवार में लाभार्थियों की संख्या की किसी सीमा के बिना पारदर्शी तरीके से छात्रों को सहायता प्रदान कर रहा है. विद्या दीवेना योजना के तहत सरकार न केवल छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठा रही है, बल्कि उनके रहने-खाने का खर्च भी वहन कर रही है. यह डिग्री, मेडिसिन और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के छात्रों को 20,000 रुपये, पॉलिटेक्निक को 15,000 रुपये और आईटीआई को 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में दो किश्तों में एक बार शुरुआत (जून से जुलाई) और अंत (अप्रैल) में जारी करती है.
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इस बीच, अधिकारियों ने माताओं से अपील की कि वे अपने बैंक खातों में राशि जमा होने के एक सप्ताह या 10 दिनों के भीतर कॉलेज की फीस का भुगतान कर दें. ऐसा न करने पर शुल्क प्रतिपूर्ति की अगली किस्त का भुगतान सीधे संबंधित महाविद्यालयों के बैंक खातों में किया जाएगा. पिछले 57 महीनों में वाईएसआरसी सरकार ने अकेले शैक्षिक सुधारों पर 72,919 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
वहीं, अपने समर्थकों और छात्रों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए सीएम जगन ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने के लिए यह योजना शुरू की है कि कोई भी माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा के कारण कर्ज के बोझ तले न दब जाए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद प्रदेश में लोगों की इनकम बढ़ गई है.