मध्य प्रदेश में बहु प्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का काम जल्द शुरू किया जाएगा. राज्य सरकार ने कहा है कि 44605 करोड़ रुपये की लागत वाली इस राष्ट्रीय परियोजना से प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. इससे किसानों को फायदा होगा. साथ ही लगभग 41 लाख आबादी को पेयजल की आपूर्ति होगी. परियोजना से 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका पूरा उपयोग मध्य प्रदेश करेगा. केन-बेतवा लिंक परियोजना से राज्य के 10 जिलों की 28 तहसील के 2040 गांव लाभांवित होंगे.
सूबे के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि सिंचाई क्षमता में बीते दो साल में 3 लाख 48 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की वृद्धि हुई है. विभाग द्वारा वर्तमान में 37 लाख 7 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित की जा चुकी है. कुल सिंचाई क्षमता बढ़ा कर 40 लाख हेक्टेयर करने के लक्ष्य को 31 दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. तवा परियोजना के कमाण्ड में जायद फसल के लिए किसानों को 89 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल गई है. प्रदेश में दो साल में 126 नयी सिंचाई परियोजनाएं शुरू की गई हैं. खेती-किसानी के लिए सिंचाई की सुविधा सबसे जरूरी है.
खेती-किसानी को आगे बढ़ाने में सिंचाई की सुविधा बहुत जरूरी है. इसलिए मध्य प्रदेश में बीते दो वर्ष में कुल 126 नए सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं. इनमें चार बड़ी, 10 मध्यम और 112 लघु परियोजनाएं शामिल हैं. इन सभी 126 सिंचाई प्रोजेक्ट की लागत 6700 करोड़ रुपये है. इन नए सिंचाई प्रोजेक्ट से 3 लाख 34 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित होगी. वर्तमान में निर्माणाधीन 55 बड़ी और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में आधुनिक दबाव युक्त पाइप आधारित सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का उपयोग किया जा रहा है.
एक बयान में जल संसाधन मंत्री ने कहा कि जल-संसाधन विभाग ने वर्ष 2020-21 में एक लाख 15 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा था. जबकि एक लाख 16 हजार हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित की गई. वहीं 2021-22 के लक्ष्य एक लाख 70 हजार हेक्टेयर की जगह एक लाख 71 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नई सिंचाई क्षमता विकसित की गई.
मंत्री सिलावट ने कहा कि एमपी के बुंदेलखंड क्षेत्र में भू-जल स्तर को बढ़ाने, पेयजल संकट को दूर करने और सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘‘अटल भू-जल योजना’’ शुरू की गई है. करीब 314 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली इस परियोजना में प्रदेश के 6 जिलों के 9 विकास खंडों के 678 ग्राम में जन-भागीदारी से जल-संवर्धन एवं भूजल स्तर में सुधार के कार्य किए जा रहे हैं.
प्रदेश के ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल आपूर्ति के लिए 6,601 करोड़ की माधवराव सिंधिया नवीन बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना प्रारंभ की जा रही है. परियोजना से प्रदेश के गुना, शिवपुरी और श्योपुर जिले में 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी और 6 जलाशयों का निर्माण होगा. साथ ही सिंचाई, पेयजल, मछली पालन, पर्यटन एवं रोजगार के अवसर में वृद्धि होगी. क्षेत्र का भू-जल स्तर भी बढ़ेगा.
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