खेती-किसानी में लोन लेना अब आसान हो गया है. इसके लिए सरकार ने कई तरह की स्कीम शुरू की है. साथ ही बैंकों को इसके लिए निर्देश भी दिया है. निर्देश में साफ किया गया है कि किसानों को सस्ती दर पर लोन मिलना चाहिए. यह बात केवल फसलों की खेती के लिए लागू नहीं है. सरकार ने इसका दायरा बढ़ा दिया है और इसमें मछली पालन, पोल्ट्री को भी शामिल कर दिया है. इसका मतलब हुआ कि आप जिस माध्यम से अभी तक फसलों के लिए लोन लेते थे. उसी माध्यम से मछली पालन और पोल्ट्री के लिए भी लोन ले सकते हैं. और यह माध्यम है किसान क्रेडिट कार्ड (KCC).
केसीसी से फसलों के लोन और मछली पालन पोल्ट्री के लोन एक फर्क है. यह फर्क लोन की राशि को लेकर है. फसलों के लिए जहां आप 3 लाख रुपये का लोन ले सकते हैं वहीं मछली पालन और पोल्ट्री के लिए 2 लाख रुपये है. जिन लोगों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है वे मछली पालन और पोल्ट्री के लिए दो लाख रुपये की लिमिट तक लोन ले सकते हैं.
केसीसी स्कीम में किसानों को 7 फीसदी की ब्याज पर लोन लेने की सुविधा है. इसमें हर साल 2 परसेंट की ब्याज छूट दी जाती है. अगर किसान का लोन लौटाने का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक हो और मछली पालन का सही चल रहा हो तो सरकार की तरफ से 3 परसेंट की दर से लोन दिया है. इसका अर्थ हुआ कि किसान अगर समय से लोन चुका दे, तो उनसे 4 परसेंट का ही ब्याज लिया जाएगा. ऐसे में किसान मछली पालन और पोल्ट्री के लिए दो लाख रुपये का लोन 4 परसेंट के ब्याज पर आसानी से ले सकते हैं.
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फसल के लिए लोन की राशि 3 लाख और मछली पालन, पोल्ट्री के लिए 2 लाख रुपये निर्धारित की गई है. यानी इसी राशि के लिए सरकार द्वारा निर्देशित बैंकों द्वारा ब्याज पर छूट दी जाती है. ब्याज में छूट का लाभ उन लोगों को मिलता है जो समय पर लोन चुकाते हैं. इस तरह अगर कोई किसान समय पर लोन का पैसा चुकाता है तो उसे 2 लाख रुपये तक का लोन 4 परसेंट ब्याज के साथ दिया जाएगा.
खास बात ये है कि जैसे बाकी लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस और सिक्योरिटी चार्ज देना होता है, वैसा नियम केसीसी के लिए भी है, लेकिन उसमें कुछ छूट का प्रावधान है. खेती-किसानी के लिए केसीसी के लोन पर प्रोसेसिंग फीस और सिक्योरिटी माफ की जाती है. ठीक वैसे ही अगर पोल्ट्री और मछली पालन के लिए केसीसी से लोन लेते हैं तो 1.6 लाख तक लोन पर कोई सिक्योरिटी देने की जरूरत नहीं होगी.
इस लोन में एक खास नियम भी है. अगर कोई पशुपालक अपना दूध सीधा सोसायटी या मिल्क यूनियन को बेचता है और इसमें किसी तीसरे पक्ष का कोई रोल नहीं है और दूध का पैसा किसान के खाते में सीधा आता है, तो उसे 2 लाख के बदले 3 लाख तक का लोन मिल सकता है, वह भी बिना किसी सिक्योरिटी चार्ज के.