गन्‍ने की खेती के साथ केम‍िकल-फ्री गुड़ बना रहा उधमपुर का किसान, इस सरकारी योजना से हुआ फायदा

गन्‍ने की खेती के साथ केम‍िकल-फ्री गुड़ बना रहा उधमपुर का किसान, इस सरकारी योजना से हुआ फायदा

उधमपुर जिले के किसानों को मिनिस्‍ट्री ऑफ फूड प्रोस‍ेसिंग इंडस्‍ट्री की पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (MOFPI-PMFME) योजना लाभ मिल रहा है, जिससे उन्‍हें गन्ना प्रोसेस करने की क्षमता में देखने लायक सुधार हुआ है. जिले के धानू गांव के किसान केवल कुमार योजना की मदद से अपने केम‍िकल-फ्री गुड़ बनाने में उन्नत तकनीक को अपनाने में सक्षम हुए हैं.

Udhampur Gud UtpadanUdhampur Gud Utpadan
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 20, 2025,
  • Updated Mar 20, 2025, 2:10 PM IST

जम्‍मू-कश्‍मीर में खेती-किसानी और बागवानी लोगों के लिए रोजगार का बड़ा जरिया है. अब यहां के किसान एग्री बिजनेस और एग्री प्रोसेसिंंग में भी हाथ आजमा रहे हैं. ऐसी ही स्थिति‍ यहां के उधमपुर जिले में भी है. जिले के कई किसानों का कहना है कि पहले गेहूं और धान की खेती करते थे, लेकिन पर्याप्‍त मुनाफा नहीं मिलता था. अब वे केंद्र सरकार की योजना से जुड़कर गन्‍ने की खेती कर रहे हैं और उपज से खुद ही केमिकल फ्री गुड़ बनाकर बाजार में बेच रहे हैं. इससे उनकी आमदनी में और मुनाफे में इजाफा हुआ है. किसानों को सरकारी सब्सिडी का भी फायदा मिला है और उनका कहना है कि बाजार में उनके बनाए गुड़ की मांग भी बढ़ रही है.

केंद्र की इस योजना का मिल रहा फायदा

उधमपुर जिले के किसानों को मिनिस्‍ट्री ऑफ फूड प्रोस‍ेसिंग इंडस्‍ट्री की पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (MOFPI-PMFME) योजना लाभ मिल रहा है, जिससे उन्‍हें गन्ना प्रोसेस करने की क्षमता में देखने लायक सुधार हुआ है. जिले के धानू गांव के किसान केवल कुमार योजना की मदद से अपने केम‍िकल-फ्री गुड़ बनाने में उन्नत तकनीक को अपनाने में सक्षम हुए हैं. कुमार अब गन्ने का रस निकालने के लिए पारंपरिक बैल से चलने वाले सिस्‍टम की जगह ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं, इससे उनके काम में तेजी आई है और मेहनत भी कम लगती है. 

ट्रैक्‍टर के इस्‍तेमाल से काम हुआ आसान

किसान केवल कुमार ने बताया कि वह पहले गेहूं या धान की खेती करते थे. अब उन्‍हें केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलनी शुरू हो गई है और वह गन्ने की खेती कर रहे हैं. कि‍सान ने कहा कि ट्रैक्टर पर सब्सिडी मिलने के बाद मेरा काम आसान हो गया. मैंने गन्ना उगाना और गुड़ बनाना शुरू किया. पिछले साल मैंने बाजार में 15-20 क्विंटल गुड़ बेचा. तकनीक में इस बदलाव ने उन्हें अपने जैविक, रसायन मुक्त गुड़ की बढ़ती मांग को पूरा करने में भी मदद की है.

केमिकल-फ्री गुड़ की बढ़ी डिमांड

कुमार ने कहा कि मैंने रसायन मुक्त शुद्ध जैविक गुड़ तैयार किया है, जिससे हमारे उत्पाद की मांग में वृद्धि हुई है. मैंने इस उद्यम से और अधिक किसानों को जोड़ा है. हम आत्मनिर्भर बन गए हैं. उत्पादन की बढ़ी हुई दक्षता ने न केवल कुमार को अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद की है, बल्कि उन्हें अन्य किसानों की सहायता करने में भी सक्षम बनाया है.

कुमार ने बताया कि पहले हमारी हालत खराब थी, लेकिन अब हमें खेतों में काम करना अच्छा लगता है, क्योंकि हम मुनाफा कमाते हैं. पहले हम कर्ज में डूबे रहते थे. अब जब भी हमें कोई वित्तीय समस्या आती है तो हम केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) से लोन लेते हैं और छह महीने बाद इसे चुका देते हैं.

'तकनीक के इस्‍तेमाल से किसानों को फायदा'

टिकरी जिला विकास परिषद (डीडीसी) की सदस्य आशु शर्मा ने उधमपुर के किसानों को तकनीक के माध्यम से अपनी आजीविका में सुधार करने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार की कोशिशों की तारीफ की है. शर्मा ने कहा कि हम अपने किसानों की आय दोगुनी करने में मदद करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने हमारे किसानों को तकनीक के माध्यम से खेती में क्रांति लाने में मदद की है.

आधुनिक कृषि तकनीकों की मदद से स्थानीय किसानों को पॉली हाउस जैसी प्रथाओं को अपनाने और ड्रैगन फ्रूट जैसी नई फसलें उगाने में मदद की है. इसके अलावा, केवल कुमार जैसे किसानों ने जैविक खेती को अपनाया है, और रसायन मुक्त गुड़ का उत्पादन किया है, जिससे मांग में वृद्धि हुई है. शर्मा ने कहा कि हमारे किसानों को पॉलीहाउस का इस्‍तेमाल करते हुए और ड्रैगन फ्रूट उगाते हुए देखना खुशी की बात है. किसान पूरी तरह से रसायनों से मुक्त, जैविक तरीके से गुड़ बना रहे हैं. (एएनआई)

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