किसानों की होगी बल्ले-बल्ले! आलू की खेती पर सब्सिडी दे रही है बिहार सरकार

किसानों की होगी बल्ले-बल्ले! आलू की खेती पर सब्सिडी दे रही है बिहार सरकार

बिहार सरकार आलू की खेती पर किसानों को 75% तक अनुदान दे रही है. जानिए लेडी रोसेटा योजना से कैसे बढ़ेगी आमदनी और मिलेगी आर्थिक सहायता.

आलू की खेतीआलू की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 04, 2025,
  • Updated Sep 04, 2025, 10:00 AM IST

बिहार सरकार ने राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए "लेडी रोसेटा आलू विस्तार योजना" की शुरुआत की है. इस योजना के तहत आलू की खेती पर 75% तक अनुदान दिया जा रहा है. इसका उद्देश्य किसानों को प्रोत्साहित करना और राज्य में आलू उत्पादन को बढ़ावा देना है. यह योजना बिहार के 17 जिलों में लागू की गई है. इनमें शामिल हैं औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, गया, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, नालंदा, नवादा, पटना, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सिवान और वैशाली.

इन जिलों के किसानों को आलू की खेती के लिए बीज खरीदने और अन्य जरूरी संसाधनों के लिए सरकार से आर्थिक सहायता मिलेगी.

कितना मिलेगा अनुदान? 

  • उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा के अनुसार,
  • प्रति हेक्टेयर खेती के लिए 30 क्विंटल बीज की जरूरत मानी गई है.
  • बीज की अधिकतम कीमत 4,000 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है.
  • कुल लागत लगभग 1,25,150 रुपये प्रति हेक्टेयर आंकी गई है.
  • इसमें से 75% यानी लगभग 93,863 रुपये का अनुदान किसानों को मिलेगा.

दो किस्तों में दी जाएगी सब्सिडी 

  • पहली किस्त: 70,397 रुपये (इनपुट खरीदने के लिए)
  • दूसरी किस्त: 23,466 रुपये (खेत के निरीक्षण और सत्यापन के बाद)

रबी सीजन में आलू की खेती क्यों है फायदेमंद?

रबी मौसम में यानी अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में आलू की बुवाई की जाती है. इस योजना के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला टिश्यू कल्चर से तैयार किया गया G-3 बीज दिया जाएगा. यह बीज ज्यादा उपज और अच्छी गुणवत्ता वाला होगा. बीज की आपूर्ति संबंधित जिले के सहायक निदेशक (उद्यान विभाग) द्वारा की जाएगी.

किसानों की बढ़ेगी आमदनी

इस योजना का लक्ष्य केवल खेती बढ़ाना नहीं है, बल्कि आलू से जुड़े उद्योगों को भी बढ़ावा देना है. इससे किसानों को बाजार में अच्छे दाम मिल सकते हैं और प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर आलू से चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, फ्लेक्स आदि बनाए जा सकते हैं.

हालांकि अभी उपज का उचित मूल्य और भंडारण की सुविधा एक चुनौती है, लेकिन सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है.

छोटे-बड़े सभी किसान उठा सकते हैं लाभ

बिहार सरकार की यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी लाभकारी है. अनुदान और तकनीकी सहायता से वे भी अब कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं. इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य में आलू उत्पादन में आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी.

"लेडी रोसेटा आलू विस्तार योजना" किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है. यदि किसान इस योजना का सही तरीके से लाभ उठाएं, तो वे अपनी आमदनी में भारी इजाफा कर सकते हैं. सरकार की सब्सिडी, तकनीकी सहयोग और उच्च गुणवत्ता वाले बीज के साथ अब आलू की खेती बन सकती है किसानों की तरक्की की राह.

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