Taxi Service: अब ओला-उबर को टक्कर देगी ये टैक्सी, सहकारी सेवा से बदलेंगे मार्केट के नियम

Taxi Service: अब ओला-उबर को टक्कर देगी ये टैक्सी, सहकारी सेवा से बदलेंगे मार्केट के नियम

सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड भारत में पहली सहकारी टैक्सी सेवा शुरू कर रहा है, जो ओला और उबर को कड़ी टक्कर देगा. यह सेवा पारदर्शी किराया, ड्राइवर्स की मुनाफा हिस्सेदारी और सामाजिक सुरक्षा पर आधारित है. जानिए पूरी जानकारी और आवेदन कैसे करें.

ओला और उबर को मिलेगा नया मुकाबलाओला और उबर को मिलेगा नया मुकाबला
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 03, 2025,
  • Updated Sep 03, 2025, 11:26 AM IST

सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड, जो राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के अंतर्गत दिल्ली में स्थित है, जल्द ही पूरे भारत में अपनी मोबिलिटी सेवाएं शुरू करने जा रहा है. यह भारत की पहली सहकारी टैक्सी सेवा होगी, जो पारदर्शिता और समानता पर आधारित है. इस नए प्रोजेक्ट के तहत, ओला और उबर जैसी निजी टैक्सी सर्विसेज को कड़ी टक्कर मिलने वाली है.

सहकार टैक्सी के लिए वैकेंसी

सहकार टैक्सी अपने संचालन को प्रभावी और कुशल बनाने के लिए अनुभवी और पेशेवर कर्मचारियों की तलाश कर रहा है. इस उद्देश्य से निम्न पदों पर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं:

  • CEO/मैनेजिंग डायरेक्टर
  • चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO)
  • डिप्टी मैनेजर (फाइनेंस)

इच्छुक उम्मीदवार अपनी योग्यता, अनुभव और अन्य जरूरी दस्तावेज़ के साथ www.bharattaxiapp.com
 पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपना आवेदन sahakartaxicoop@gmail.com
 पर भेज सकते हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 8 सितंबर 2025 है.

ओला और उबर से कैसे अलग सहकार टैक्सी?

यह सहकारी टैक्सी सेवा तीन मुख्य आधारों पर काम करेगी:

  • पारदर्शी किराया नीति: यात्री और ड्राइवर दोनों के लिए तय किराया होगा, जिससे सर्ज प्राइसिंग (मंहगी दर) नहीं लगेगी.
  • ड्राइवर्स की मुनाफे में हिस्सेदारी: कंपनी मुनाफा कमाएगी नहीं, बल्कि जो भी लाभ होगा उसे ड्राइवरों में बांटा जाएगा.
  • सामाजिक सुरक्षा: ड्राइवर्स को स्वास्थ्य बीमा और अन्य सामाजिक लाभ दिए जाएंगे, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

आर्थिक सहयोग और पूंजी निवेश

सहकार टैक्सी परियोजना को मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव एक्ट के तहत पंजीकृत किया गया है. इसकी अधिकृत पूंजी 300 करोड़ रुपये है, जिसमें से 80 करोड़ रुपये आठ प्रमुख सहकारी संस्थाओं जैसे NCDC, अमूल, नाफेड, नाबार्ड आदि ने जुटाए हैं. हर संस्था ने 10-10 करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया है.

शुरुआत में 400 ड्राइवर्स जुड़ेंगे

प्रारंभ में लगभग 400 ड्राइवर इस सेवा से जुड़े जाएंगे. छह महीने के बाद, ड्राइवरों को सहकारी संस्था के सदस्य बनने का मौका मिलेगा. इसके तहत वे 100 रुपये कीमत के पांच शेयर खरीद सकेंगे. इसके अलावा, सहकार टैक्सी सेवा को डिजिटल रूप में लॉन्च करने के लिए एक राइड-शेयरिंग ऐप भी विकसित किया जा रहा है.

अमित शाह की पहल से साकार हुआ सपना

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की सोच और प्रयासों के चलते यह योजना अब वास्तविकता बन रही है. सहकारी टैक्सी सेवा न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी, बल्कि यह भारत में सहकारी मॉडल को और मजबूत करेगी. भविष्य में, इस प्लेटफॉर्म पर दोपहिया, रिक्शा, टैक्सी और चार-पहिया वाहन भी जुड़ सकेंगे.

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