जीएसटी की दरों में बदलाव के बाद कृषि उपकरण अब बेहद सस्ते दामों पर किसानों को मिलेगा. इस पहल से स्प्रेयर, ड्रिप सिंचाई, नोजल और स्प्रिंकलर से सिंचाई और छिड़काव करना आसान हो जाएगा. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने किसानों को ज्यादा से ज्यादा कृषि यंत्र खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ पंकज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जीएसटी काउंसिल में सिंचाई संबंधी उपकरणों जैसे स्पेयर, स्प्रिंकलर, ड्रिपसिस्टम, नोजल आदि पर GST को 12% से घटा कर 5% कर दिया है. इसके बाद छोटे और मध्यम किसान बहुत तेजी से यंत्र खरीदने के लिए सरकारी योजनाओं पर आवेदन कर रहे हैं. जिससे आधुनिक छिड़काव तकनीकी अब और सस्ती हो जाएगी. जिसका लाभ किसान भाइयों को संसाधनों का उपयोग करने में होगा. जिससे खेती की लागत कम होगी और उनका मुनाफा बढ़ेगा.
उन्होंने बताया कि इससे पानी की बचत और लागत में कमी आएगी. यूपी सरकार आजकल किसानों के काम को आसान बनाने और कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देने के लिए लगातार कई तरह की योजनाएं चलाती रहती हैं. इनसे किसानों को लाभ हो, मुख्य उद्देश्य यही रहता है.
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार खेती को बढ़ावा देने के साथ ही ‘उत्पादन अधिक और लागत कम’ की अवधारणा पर काम कर रही है. इसी के तहत किसानों को कृषि ड्रोन व कृषि यंत्र की खरीद पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है.
डॉ त्रिपाठी ने बताया कि योगी सरकार ने कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना, प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू आदि योजनाएं शुरू की हैं. इनमें किसानों को आधुनिक उन्नत कृषि यंत्रों पर सत्यापन के बाद डीबीटी के जरिए कृषि विभाग द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है. समस्त योजनाओं का लाभ केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही प्राप्त होगा, इसलिए किसानों को कृषि यंत्रों की बुकिंग, अन्य निर्धारित प्रकिया व उससे सम्बंधित सावधानियों को लेकर कृषि विभाग जागरुक कर रहा है. कृषि यंत्रीकरण किसानों के लिए योगी सरकार द्वारा संचालित लाभकारी योजना है.
प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस समय सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों द्वारा कृषि यंत्रों की बुकिंग की गई है, जिसे ई लाटरी के माध्यम से टोकन कन्फर्मेशन की कार्यवाही की जा रही है. कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि यंत्रों की खरीद उन्हीं फर्म से करें, जो फर्म upyantratracking.in पोर्टल पर पंजीकृत हो.
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अन्य किसीे भी निर्माता कंपनियों, डिस्ट्रब्यूूटर्स एवं डीलर से खरीदे गए यंत्रों पर अनुदान देय नहीं होगा. यंत्र खरीदते समय किसान फर्म/डीलर का विवरण (पंजीकरण संख्या, आधार संख्या, टोकन संख्या, नाम, एवं गांव इत्यादि) upyantratracking.in पोर्टल पर अवश्य फीड करें. कृषि यंत्रों की खरीद के समय सम्बन्धित फर्म से 'Eway Bill' अवश्य लें. यंत्रों पर 'Laser Cutting' सीरियल नबंर अनिवार्य रूप से दर्ज होना चाहिए. कृषि यंत्रों की खरीद के लिए फर्म को लागत का कम से कम 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान लाभार्थी के स्वयं के खाते से ही किया जाना अनिवार्य है.
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