मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने "विकसित यूपी 2047" की दिशा में ठोस पहल शुरू की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन है कि अगले 22 सालों में प्रदेश को ऐसी स्थिति में खड़ा किया जाए जहां आपदाओं से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक उपलब्ध हो और गरीबी का लगभग पूरी तरह से खात्मा हो जाए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसरो (ISRO) के सहयोग से आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक जोड़ने की पहल की है. इसके तहत मौसम पूर्वानुमान और आपदा राहत के लिए सैटेलाइट लांचिंग का प्रयास किया जा रहा है. इससे बाढ़, भूकंप और हीटवेव जैसी आपात स्थितियों की रियल-टाइम जानकारी मिलेगी और राहत कार्य तेजी से किए जा सकेंगे.
राज्य में बढ़ती हीटवेव और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए लखनऊ, आगरा और वाराणसी जैसे बड़े शहरों के लिए सिटी हीट एक्शन प्लान (HP) तैयार किया जा चुका है. जबकि कानपुर और प्रयागराज के लिए इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. शहरी तापमान में वृद्धि को देखते हुए IIT, AIIMS और KGMU जैसे राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ इन योजनाओं को तकनीकी सहयोग दे रहे हैं. हीटवेव के अलावा भूकंप, अग्निकांड और केमिकल दुर्घटनाओं से निपटने के लिए राज्य स्तरीय एचवीआरसीए (जोखिम, संवेदनशीलता और क्षमता का आकलन) पर काम हो रहा है. प्रदेश के 34 जनपद भूकंप आपदा के लिहाज से संवेदनशील हैं. इन इलाकों में स्कूलों, अस्पतालों, फैक्ट्रियों, रेलवे परिसरों और मॉल्स में मॉक ड्रिल के जरिए लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश ने बीते साढ़े आठ वर्षों में गरीबी उन्मूलन में अभूतपूर्व प्रगति की है. राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी रिपोर्ट (National Multidimensional Poverty Report) 2022-23 के अनुसार 2015-16 की तुलना में प्रदेश में गरीबी दर में 20.28 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 13.57 अंक रहा. यह अंतर दर्शाता है कि यूपी ने गरीबी उन्मूलन में देशभर में सबसे तेज प्रगति की है. सरकारी योजनाओं की प्रभावी पहुंच और "सबका साथ, सबका विकास" की नीति ने करीब 6 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में मदद की है. स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है.
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राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक यूपी की GDP 06 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाई जाए, जो भारत की अनुमानित जीडीपी का 20 प्रतिशत होगी। इसके लिए प्रदेश को अगले 22 सालों में लगभग 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। वर्तमान में प्रदेश की जीएसडीपी 353 बिलियन डॉलर है, जिसे 2030 तक 1000 बिलियन, 2036 तक 2000 बिलियन और 2047 तक 6000 बिलियन डॉलर यानी 6 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है. वर्ष 2047 तक प्रति व्यक्ति आय 26 लाख रुपये तक पहुंचाकर 'जीरो पॉवर्टी' के लेवल तक पहुंचाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संकल्प है.
2017 से पहले प्रदेश आपदा प्रबंधन और आर्थिक समृद्धि दोनों ही क्षेत्रों में पिछड़ा हुआ था. आपदा प्रबंधन की कोई ठोस कार्ययोजना नहीं थी और योजनाओं की पहुंच अंतिम व्यक्ति तक नहीं हो पाती थी. लेकिन बीते साढ़े आठ वर्षों में शासन की दक्षता, पारदर्शिता और तकनीकी सहयोग ने तस्वीर बदल दी है. अब प्रदेश विकास की नई उड़ान भरने को तैयार है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट मत है कि विकसित यूपी का अर्थ केवल आर्थिक प्रगति नहीं है. बल्कि आपदा प्रबंधन, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मजबूत आधार खड़ा करना भी है.