हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब अगर किसी किसान के खेत से डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर की की चोरी होती है तो पुलिस थानों में बिना समय गवाएं ही एफआईआर दर्ज होगी. ताकि, कम समय में नया ट्रांसफार्मर लग जाए और फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को भटकना न पड़े. दरअसल, पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करती थी. इसलिए सिंचाई के अभाव में फसल खराब हो जाती थी. क्योंकि एफआईआर के बिना नया ट्रांसफार्मर नहीं लगता था. अब राज्य सरकार ने बाकायदा पुलिस को आधिकारिक तौर पर आदेश दे दिए हैं. यानी अब इस तरह के मामलों में एफआईआर दर्ज करने से कोई थाना इंचार्ज इनकार नहीं कर सकता.
दरअसल, हरियाणा में खेतों से बिजली निगम के डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों की चोरियां बढ़ गई हैं. जिससे सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को होता है. ऐसे मामलों को लेकर 2022 में कुछ प्रदर्शन भी हुए हैं. ऐसे में तमाम पहलुओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद डीजीपी ने प्रदेश के सभी एडीजीपी, पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा रेंज अधिकारियों को पत्र लिखा है. जिसमें सीएम के आदेशों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है.
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पुलिस विभाग को किसी किसान के खेत से ड्रिस्टीब्यूशन ट्रांसफार्मर की चोरी होने पर थानों में बिना समय गवाएं एफआईआर दर्ज कर लेनी चाहिए. इसके बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने मंगलवार को एक विभागीय पत्र जारी करके कहा कि यदि किसी किसान के खेत से डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर की चोरी हो जाती है और वह इसकी एफआईआर करवाने के लिए संबंधित एसएचओ के पास जाता है तो एसएचओ बिना समय गवाए इस संबंध में एफआईआर करना सुनिश्चित करें. इससे किसानों को राहत मिलेगी.
कपूर ने कहा कि ड्रिस्टीब्यूशन ट्रांसफार्मरों के चोरी होने के बाद किसानों को एफआईआर दर्ज करवाने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए ये दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के संज्ञान में आया है कि आमतौर पर किसान जब ट्रांसफार्मर चोरी होने की रिपोर्ट लिखवाने पुलिस स्टेशनों में जाते हैं तो उन्हें बिजली विभाग के अधिकारियों के पास इसकी रिपोर्ट करवाने के लिए कहा जाता है. जबकि यह न तो तर्कसंगत है और न ही जरूरी. इसलिए किसानों को परेशानी से बचाने के लिए एफआईआर दर्ज करें, ताकि नया ट्रांसफार्मर लगने में दिक्कत न हो.
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दरअसल, किसान ऐसी कई समस्याओं से जूझते रहते हैं, लेकिन अगर अधिकारियों को समस्या समझ में आ जाए तो उसका समाधान जल्दी हो जाता है. दरअसर, हरियाणा के नए डीजीपी कपूर बिजली वितरण निगम में भी काम कर चुके हैं. वो निगम के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के तौर काम कर चुके हैं. पहली बार किसी आईपीएस अफसर को बिजली निगमों की जिम्मेदारी दी गई थी. इसलिए उन्हें बिजली से संबंधित इस समस्या की जानकारी थी. किसानों की यह समस्या बिजली निगम और पुलिस विभाग दोनों से जुड़ी हुई है. बताया गया है कि कपूर की ही सलाह पर किसानों को राहत देने वाला इतना बड़ा फैसला किया गया है.