चाय बागान श्रमिकों के ल‍िए बड़ा फैसला, असम सरकार ने बढ़ाई दैनिक न्यूनतम मजदूरी

चाय बागान श्रमिकों के ल‍िए बड़ा फैसला, असम सरकार ने बढ़ाई दैनिक न्यूनतम मजदूरी

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा क‍ि तत्काल प्रभाव से चाय बागान श्रमिकों और आदिवासी लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षण होगा. यह केवल गैर-क्रीमी लेयर के लिए होगा. पहली बार इतना बड़ा फैसला ल‍िया जा रहा है.  

चाय बागान श्रमिकों के ल‍िए राहत की खबरचाय बागान श्रमिकों के ल‍िए राहत की खबर
क‍िसान तक
  • Assam,
  • Oct 03, 2023,
  • Updated Oct 03, 2023, 2:31 PM IST

असम सरकार ने क‍िसानों के ल‍िए एक बड़ा फैसला क‍िया है. ब्रह्मपुत्र और बराक घाटी में चाय बागान श्रमिकों की दैनिक न्यूनतम मजदूरी बढ़ा दी है. ब्रह्मपुत्र घाटी में इसे 18 रुपये बढ़ाकर 250 रुपये कर द‍िया गया है. जबक‍ि बराक घाटी में इसे 228 रुपये करने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने इस बात का एलान क‍िया है. सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान 1 अक्टूबर से ब्रह्मपुत्र और बराक दोनों घाटियों में मजदूरी बढ़ाने का निर्णय लिया गया. असम प्रमुख चाय उत्पादक है. इसल‍िए यहां पर श्रम‍िकों की मजदूरी बढ़ाना बड़ा फैसला है. 

एक बैठक के बाद प्रेस को जानकारी देते हुए सरमा ने कहा कि सरकार ने आगामी दुर्गा पूजा के लिए उद्यान प्रबंधन को 20 प्रतिशत बोनस देने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने एक और बड़ा एलान क‍रते हुए कहा क‍ि "तत्काल प्रभाव से चाय बागान श्रमिकों और आदिवासी लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षण होगा.  यह केवल गैर-क्रीमी लेयर के लिए होगा." पहली बार इतना बड़ा फैसला ल‍िया जा रहा है. 

श्रम‍िकों को खुश करने की कोश‍िश 

फ‍िलहाल, कैबिनेट ने चाय बागान श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी बढ़ाने का फैसला किया है. ब्रह्मपुत्र घाटी में, 1 अक्टूबर से दैनिक मजदूरी 232 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये कर दी गई है. बराक घाटी में, श्रमिकों को रुपये के बजाय 228 रुपये मिलेंगे. इससे श्रम‍िकों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा. यहां पर हजारों श्रम‍िक चाय बागानों में काम करते हैं. श्रम‍िकों से जुड़े अन्य फैसलों के जर‍िए भी सरकार ने एक बड़ी आबादी को खुश करने का दांव चला है.   

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सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों को छूट 

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मौजूदा बारपेटा जिले को विभाजित करके बजाली जिला बनाने का निर्णय लिया गया है. दूसरा ज‍िला बनाने से एक बड़ी आबादी में खुशी की लहर है. कैबिनेट के एक अन्य फैसले को साझा करते हुए सरमा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कक्षा 7-12 तक के छात्रों के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में 5 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी. इससे गरीब तबके के लोगों को प्रोत्साहन म‍िलेगा. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों की संख्या बढ़ेगी. 

250 एमएल वाली पानी की बोतल बैन 

सरमा ने कहा क‍ि "इससे छात्र सरकारी संस्थानों की ओर छात्र आकर्षित होंगे. कैबिनेट ने सोमवार से 250 मिलीलीटर तक की पीने के पानी की बोतलों पर प्रतिबंध लगाने का भी फैसला किया. इससे पानी का कारोबार करने वाली कंपन‍ियों को झटका लगा है. इसका मतलब यह है क‍ि अब असम में कम से कम 500 एमएल की पानी की बोतल म‍िलेगी.

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