प्राकृतिक खेती करने का बना रहे हैं प्लान, सरकार की ये योजना राह बनाएगी आसान

प्राकृतिक खेती करने का बना रहे हैं प्लान, सरकार की ये योजना राह बनाएगी आसान

केंद्र सरकार क‍िसानों को प्राकृतिक खेती करने के ल‍िए प्रोत्साह‍ित कर रही है. सरकार का प्रयास किसानों की लागत को कम कर उनकी आय को बढ़ाना है. साथ ही जमीन की उर्वरक क्षमता में सुधार करना है. इसके ल‍िए सरकार ने योजना चला रही है.

प्राकृतिक खेती करने के लिए सरकार की इस योजना के लें लाभ, फोटो साभार: freepik
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Feb 06, 2023,
  • Updated Feb 06, 2023, 7:22 PM IST

पर्यावरण और स्वास्थ्य पर रासायनिक खेती के गंभीर दुष्प्रभाव को देखते हुए धीरे-धीरे ही सही लेकिन प्राकृतिक खेती की और लोगों का झुकाव बढ़ता जा रहा है. क्योंकि प्राकृतिक खेती स्वस्थ शरीर और स्वस्थ जमीन का रास्ता खोलती है. इसी झुकाव को देखते हुए केंद्र सरकार किसानों की लागत को कम करने, आय को बढ़ाने और खेतों को उर्वरक बनाए रखने में मदद के लिए प्राकृतिक खेती के लिए योजनाएं संचालित कर रही है. कुछ दिनों पहले पेश किए गए बजट में भी सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए अगले तीन साल तक 1 करोड़ किसानों की मदद करने की घोषणा की है. वहीं सरकार द्वारा चलाई गई योजना किसानों के लिए प्राकृतिक खेती में राह को आसान बनाने में मदद करेगी.

भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना

भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी), परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत एक उप मिशन है. इसका उद्देश्य पारंपरिक स्वदेशी पद्धतियों को बढ़ावा देना है. इस योजना की कुल अवधी छह वर्षों 2019 से 2025 की है जिसके लिए लगभग 46 करोड रुपये से अधिक केंद्र सरकार के तरफ से दी गई है. इसके तहत विभिन्न राज्यों में 2000 हेक्टेयर के 600 प्रमुख ब्लॉकों में 12 लाख हेक्टेयर को कवर करने की दृष्टि से प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा क्लस्टर निर्माण किया जाएगा.

इस योजना में आठ राज्यों को जोड़ा गया है. वो आठ राज्य, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु और झारखंड है. केंद्र द्वारा प्रायोजित इस योजना का लक्ष्य किसान की लाभ में सुधार करना, गुणवत्तापूर्ण भोजन और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना है.

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किसानों को कितनी मिलती है सब्सिडी

प्राकृतिक रूप से खेती करने को हमेशा से ही बेहतर माना जाता है. इसके लिए केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मदद पहुंचा रही है. सरकार इसके तहत प्राकृतिक रूप से खेती में किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किसानों को 12200 रपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी प्रदान करती है.

कब हुई इस योजना की शुरुआत

देश के छोटे और सीमांत किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरुआत 2015 में की गई. इस योजना के तहत आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड और केरल ने बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती को अपनाया है.

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