राजस्थान में जल जीवन मिशन ने कनेक्शन का एक नया आंकड़ा छू लिया है. प्रदेश में अब कुल जल कनेक्शन 43.65 लाख पार कर चुके हैं. इसी तरह राजस्थान ने 40.41 फीसदी एफएचटीसी का लक्ष्य भी पूरा कर लिया है. वित्तीय वर्ष (2023-24) में अभी तक 4,45, 629 जल कनेक्शन किए जा चुके हैं. जेजेएम में अभी तक कुल 16 हजार 986 करोड़ रूपए व्यय कर खर्च के मामले में राजस्थान दूसरे स्थान पर है.
चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 2,471 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं.
राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि राजस्थान जल जीवन मिशन योजना को लागू करने में सबसे आगे है. योजना की उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग और समीक्षा से यह संभव हुआ है. साथ ही प्रदेश मिशन के लक्ष्य हासिल करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है.
डॉ. जोशी ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में कुल 14 लाख 13 हजार 679 जल कनेक्शन किए गए थे. साल 2023 जेजेएम के लिए काफी अच्छा रहा है. जनवरी से मार्च 2023 तक तीन महीनों में प्रदेश में 7 लाख 34 हजार 715 जल कनेक्शन किए गए हैं.
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डॉ. जोशी ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जल जीवन मिशन के तय लक्ष्यों को हासिल करने वाले टॉप 5 जिलों में भीलवाड़ा सबसे आगे रहा है. भीलवाड़ा ने तय लक्ष्य 24,710 के मुकाबले 41,314 कनेक्शन किए हैं. इसी तरह दौसा जिले ने तय लक्ष्य 16,865 के मुकाबले 22,876 कनेक्शन किए हैं.
वहीं, पाली जिले ने तय लक्ष्य 10,256 के मुकाबले 16,815, झालावाड़ जिले ने तय लक्ष्य 11,865 के मुकाबले 16,290 तथा बांसवाड़ा जिले ने दिए गए लक्ष्य 5,347 के मुकाबले 6,284 जल कनेक्शन किए हैं. इन सभी जिलों ने अप्रेल से जून 2023 तक तय लक्ष्य से भी अधिक एफएचटीसी किए हैं.
राजस्थान में जल जीवन मिशन को लागू करना भौतिक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण काम है. क्योंकि यहां की जलवायु, अलग परिस्थितियां इसे काफी मुश्किल करती हैं. यहां के विशाल भू-भाग का अधिकतर हिस्सा मरूस्थलीय है. साथी ही प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता भी बहुत कम है.
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छितराई हुई बसावट के कारण ढाणियों तक पानी पहुंचाने के लिए बजट काफी खर्च होता है. साथ ही इसमें समय भी बहुत लगता है. प्रदेश में प्रति कनेक्शन औसत खर्च 72 हजार रूपए आ रहा है. ऐसे में, 40.41 फीसदी जल कनेक्शन का माइल स्टोन पार करना अपने आप में उपलब्धि है.