Rajasthan: सरकार की एक नीति से हुआ 2589 करोड़ का निवेश, लगे इतने नए बिजनेस, जानिए डिटेल्स

Rajasthan: सरकार की एक नीति से हुआ 2589 करोड़ का निवेश, लगे इतने नए बिजनेस, जानिए डिटेल्स

प्रदेश के किसानों को कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार  ने साल 2019 में राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति बनाई थी. इस नीति के तहत अनुदान लेकर राज्य के किसान कृषि प्रसंस्करण उद्योग, कोल्ड स्टोरेज, पैकहाउस औऱ मिल्क चिलिंग प्लांट खोल रहे हैं.

इस नीति से प्रदेश में अब तक कुल 2589 करोड़ 21 लाख रुपये का निवेश हुआ है. फोटो- DIPRइस नीति से प्रदेश में अब तक कुल 2589 करोड़ 21 लाख रुपये का निवेश हुआ है. फोटो- DIPR
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Aug 24, 2023,
  • Updated Aug 24, 2023, 3:51 PM IST

जयपुर जिले के रहने वाले बिजनेसमैन अवनीश उपाध्याय ने 25 करोड़ रुपये की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाई. इसमें उन्हें राजस्थान सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की सब्सिडी मिली. अब अवनीश पूरे प्रदेश में दूध, दही और लस्सी के कई उत्पाद बनाकर सप्लाई कर रहे हैं. अवनीश इस तरह की सब्सिडी पाने वाले अकेले व्यवसायी नहीं हैं. राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत अब तक प्रदेश में 1103 इकाइयों के लिए 399 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है.

किसान और उद्यमी योजना के तहत प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. 

क्या है राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, व्यवसाय एवं निर्यात प्रोत्साहन नीति?

प्रदेश के किसानों को कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार  ने साल 2019 में राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति बनाई थी. इस नीति के तहत अनुदान लेकर राज्य के किसान कृषि प्रसंस्करण उद्योग, कोल्ड स्टोरेज, पैकहाउस औऱ मिल्क चिलिंग प्लांट खोल रहे हैं.

सरकार का कहना है कि इस नीति से न केवल उनके कृषि उत्पादों को नया बाजार मिला है, बल्कि उनकी आय में भी इजाफा हो रहा है. नीति के तहत किसानों को  राज्य में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए 2.60 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस नीति से प्रदेश में अब तक कुल 2589 करोड़ 21 लाख रुपये का निवेश हुआ है. 

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प्रोसेसिंग यूनिट खोलने पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी

कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव डॉ पृथ्वी ने बताया कि योजना के तहत 5 करोड़ रुपये तक की पूंजीगत लागत से कृषि प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना के लिए किसान या उनके संगठन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए लागत का 75 प्रतिशत या अधिकतम 1.50 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है. साथ ही अन्य पात्र उद्यमियों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 1.50 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है.

इस नीति से किसानों के साथ-साथ व्यवसायी भी सब्सिडी लेकर उद्योग लगा रहे हैं. फोटो- DIPR

लोन पर भी एक करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान

प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने पर किसानों को पूंजीगत अनुदान के अलावा लोन पर लगने वाले ब्याज पर भी सब्सिडी दी जाती है. इसमें किसानों को छह प्रतिशत की दर से अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का ब्याज अनुदान अनुदान दिया जाता है. वहीं अन्य को पांच प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है.  

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राज्य में शुरू हुई 1103 प्रोसेसिंग यूनिट

शासन सचिव डॉ पृथ्वी ने बताया कि नीति के तहत अब तक 1103  यूनिट शुरू की गई हैं. इसके लिए 399 करोड़ 87 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है. इन यूनिट्स के माध्यम से राज्य में 2589. 21 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. कुल यूनिट्स में से 280 यूनिट्स के लिए महिलाओं को 103.28 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है.

इसी तरह 260 यूनिट्स कृषक वर्ग के लोगों ने शुरू की हैं. इसमें 85.13 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है. नीति के तहत ब्याज, परिवहन,  विद्युत औऱ सौर ऊर्जा संयंत्र पर 87 प्रोसेसिंग यूनिट्स को 4.26 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है.

प्रदेश में नीति के तहत खोली गईं ये यूनिट्स

1103 यूनिट्स में से 341 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं. इनमें 330 वेयरहाउस, नौ कोल्ड स्टोरेज और  दो पैक हाउस शामिल हैं. साथ ही 762 प्रोसेसिंग यूनिट इकाई भी शुरू हुई हैं. जिनमें से तिलहन प्रोसेसिंग की 169 यूनिट्स, दाल की 76, मसालों की 70, कपास की 66, मूंगफली की 60, अनाज की 52, ग्रेडिंग सोर्टिंग की 33, फल- सब्जी की 32, पशु आहार की 30, दुग्ध प्रसंस्करण की 69,  ग्वार की 15, प्याज-लहसुन की 7, चावल की 11  और 72 अन्य प्रोसेसिंग यूनिट शुरू हुई हैं. 


 

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