केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को आश्वस्त किया है कि नासिक क्षेत्र के किसानों ने दो लाख टन प्याज की खरीदारी की जाएगी. प्याज की खरीदारी नेशनल कोऑपरेटिव एग्रीकल्चरल मार्केटिंग फेडरेशन (Nafed) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (NCCF) के जरिये की जाएगी. ये दोनों केंद्र सरकारी की एजेंसियां हैं जो कृषि उपजों की खरीदारी और उसके प्रबंधन का काम करती हैं. केंद्र सरकार ने कहा है कि नेफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से नासिक के किसानों से प्याज की खरीदारी की जाएगी. फिर इस प्याज को सरकार खुले बाजारों में उतारेगी ताकि प्याज की महंगाई को कम किया जा सके. हाल के दिनों में प्याज के दाम बढ़े हैं, जिस पर रोक लगाने के लिए सरकार नासिक से प्याज खरीदने की कवायद शुरू करने जा रही है.
सरकार ने ऐसे समय में प्याज खरीदने का ऐलान किया है जब नासिक की मंडियों में व्यापारियों ने प्याज की नीलामी रोक दी है. पिछले सात-आठ दिनों से मंडियों में प्याज की नीलामी नहीं हो रही है जिससे किसानों में भी रोष है क्योंकि उनकी कमाई बंद हो गई है. दूसरी ओर, प्याज की नीलामी नहीं होने से खुले बाजार में प्याज की कम हो रही है जिससे दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है. प्याज की इसी महंगाई को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने नासिक इलाके से प्याज की सरकारी खरीद करने का निर्णय लिया है.
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दूसरी ओर, महाराष्ट्र के मार्केटिंग मिनिस्टर अब्दुल सत्तार ने कहा कि केंद्र सरकार व्यापारियों की उस मांग पर विचार कर रही है जिसमें प्याज पर लगे 40 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी को घटाने की मांग की जा रही है. नासिक मंडी के व्यापारी इसलिए भी नाराज हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने घरेलू मार्केट में प्याज की महंगाई रोकने के लिए उस पर 40 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी है.
इस बीच मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने 40 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी को घटाने या कम करने की मांग को मानने से इनकार कर दिया है. केंद्र ने कहा है कि अभी देश में राशन दुकानों के जरिये सस्ते में प्याज बेचने की कोई स्कीम नहीं है, लेकिन राज्य चाहें तो केंद्र के बफर स्टॉक से प्याज खरीद सकते हैं और अपने हिसाब से बेच सकते हैं.
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सरकार का कहना है कि अभी उसकी पहली प्राथमिकता आम उपभोक्ताओं को राहत देना है जो प्याज की महंगाई से जूझ रहे हैं. उन्हें देखते हुए ही सरकार ने प्याज पर 40 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई है. उधर नासिक में प्याज की नीलामी रोके बैठे व्यापारियों की मांग है कि नेफेड और एनसीसीएफ के जरिये व्यापारियों से प्याज की खरीदारी कराई जाए न कि सीधा किसानों से. हालांकि सरकार इस पर गौर नहीं करते हुए किसानों से सीधा प्याज खरीद रही है.