तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रही दुनिया में इंटरनेट और कम्प्यूटर का बहुत बड़ा योगदान है. इस आधुनिकता ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है. कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. आधुनिक खाद बीजों और तकनीक के माध्यम से कृषि पैदावार में तरक्की देखी गई है. तो वहीं दूसरी ओर सहकारिता क्षेत्र में भी आधुनिकीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जिसके तहत मध्य प्रदेश में सभी पैक्सों को कम्प्यूटरीकृत करने जा रहा है, जो ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा. पैक्सों के कम्प्यूटरीकृत होने के बाद प्रदेश के किसान अब पैक्से जुड़े हुए काम ऑनलाइन कर सकेंगे.
पैक्स का मतलब प्राथमिक कृषि सेवा केंद्र हैं, जहां किसानों को आसानी से खाद बीज का उपलब्ध कराए जाते हैं. साथ ही सरकारी दिशा निर्देशों के साथ किसानों के फसलों की खरीदी भी की जाती है. यह बिल्कुल उचित मूल्य की दुकानों की तरह ही कार्य करता है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने आधुनिकता का लाभ उठाते हुए राज्य की सभी पैक्सों को कम्प्यूटीकृत कर दिया है.
राज्य सरकार के इस काम के बाद प्रदेश के किसान सहकारिता से जुड़े सभी काम आसानी से और कम समय पर ऑनलाइन माध्यम से करा सकेंगे. इससे न सिर्फ राशन वितरण प्रकिया आसान हुई हैं बल्कि पात्र लोगों के खाद्यान्न वितरण में हो रही हेरा- फेरी और बिचौलियों की मनमानी पर भी रोक लगाया गया है. साथ ही फसल और बीजों की खरीद बिक्री भी आसान होगी
ICMIS का मतलब एकीकृत सहकारी प्रबंधन सूचना प्रणाली है जो सहकारी संस्थाओं को संगठित कर उनके विकास का काम करती है. इसका उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास करना है. इस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू कर है जिससे समाज के कमजोर और पिछड़े लोगों का सामाजिक विकास के हिस्सेदार हो सकेंगे.
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इसके साथ ही मध्य प्रदेश में साल 2010 में पारित कानून लोक सेवा गारंटी के तहत लोगों को सार्वजनिक सेवा प्राप्त करने का कानूनी अधिकार भी दिया गया था. सहकारिता विभाग ने लोक सेवा गारंटी में 8 नई योजनाओं को भी जोड़ा है.
मध्य प्रदेश जन संपर्क विभाग के अनुसार प्रदेश में कुल 4,534 पैक्स हैं, जिनका कंप्यूटराइजेशन किया जा रहा है. ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनेगा. इसके लिए सरकार की ओर से 177 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. साथ ही आने वाले 3 सालों में सभी पैक्स का कंप्यूटरीकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इसके अलावा किसानों को 4,628 माइक्रो एटीएम की भी सुविधा दी जा रही है. जिसके तहत किसानों की बैंकिग सुविधा का भी विस्तार होगा और सहकारिता विभाग की सेवाएं आसान हो जाएंगी.