दस हजार की मदद से महिलाओं के बड़े सपने: कोई दुकान, तो कोई ब्यूटी पार्लर खोलने की तैयारी में

दस हजार की मदद से महिलाओं के बड़े सपने: कोई दुकान, तो कोई ब्यूटी पार्लर खोलने की तैयारी में

बिहार मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मिली 10 हजार रुपये की राशि से महिलाओं को सशक्तिकरण की नई उड़ान मिल रही है. कोई महिला इस राशि से ब्यूटी पार्लर शुरू कर रही है, तो कोई प्लास्टिक से बने सामान की दुकान खोल रही है. कई महिलाएं इसे अपनी बेटियों की शिक्षा पर खर्च कर रही हैं. अब तक एक करोड़ महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की सहायता मिल चुकी है.

PM Narendra Modi, Bihar CM Nitish Kumar and Deputy CM Samrat Choudhary (Photo: PTI)PM Narendra Modi, Bihar CM Nitish Kumar and Deputy CM Samrat Choudhary (Photo: PTI)
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Oct 03, 2025,
  • Updated Oct 03, 2025, 6:28 PM IST

बीते एक सप्ताह के दौरान राज्य की महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत बड़ी सौगात मिली. जहां 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयुक्त प्रयास से 75 लाख महिलाओं को 10,000-10,000 रुपये की राशि ट्रांसफर की गई थी.

वहीं, शुक्रवार को 25 लाख महिलाओं के खातों में दस-दस हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की गई. अभी तक एक करोड़ महिलाओं के खाते में यह राशि ट्रांसफर की जा चुकी है. वहीं, इस राशि की बदौलत आज कई महिलाएं अपना खुद का रोजगार शुरू कर रही हैं. इसमें अरवल की उमा रानी, किशनगंज की रोजी बेगम और रोहतास की पूनम कंवर जैसे अनगिनत उदाहरण इस योजना की ताकत और प्रभाव का परिचय दे रहे हैं.

उमा रानी के सपनों को मिली नई उड़ान 

अरवल जिले की रहने वाली 39 वर्षीय उमा रानी 2021 से नर्सरी और कृषि से जुड़ी हुई हैं. यह कहती हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है. वहीं, आने वाले समय में उन्हें उम्मीद है कि उनकी आय में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी. वह कहती हैं कि मेरी एक बेटी है जो पढ़ाई कर रही है. महिला रोजगार योजना की मदद से मैं न केवल अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दूंगी बल्कि आसपास की महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ूंगी. 

रोज़ी बेगम, मजदूरी से आत्मनिर्भरता की ओर

अब मुझे मजदूरी पर निर्भर नहीं रहना होगा. दस हजार की राशि से दुकान खोलकर परिवार की स्थिति सुधार सकूंगी. ये शब्द हैं किशनगंज की रोज़ी बेगम के, जो लंबे समय से मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करती रही हैं. वहीं, दो बेटों और दो बेटियों की मां रोज़ी के पति रजाई भरने का काम करते हैं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति हमेशा कमजोर रही. अब महिला रोजगार योजना की मदद से रोज़ी प्लास्टिक से बने सामान की दुकान खोलने की तैयारी कर रही हैं. वहीं, संघर्षों से भरी उनकी जिंदगी अब आत्मनिर्भरता और नई उम्मीदों की ओर बढ़ रही है.

पूनम कंवर ब्यूटी पार्लर खोलने की तैयारी में

रोहतास जिले की पूनम कंवर कहती हैं कि पार्लर से होने वाली कमाई से मैं अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा सुनिश्चित कर सकूंगी. पूनम की जिंदगी का सफर बेहद कठिन रहा. 2017 में कैंसर से पति की मृत्यु के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. वहीं , एक बेटा और दो बेटियों की परवरिश के लिए उन्होंने जीविका से जुड़कर सिलाई-कढ़ाई का काम शुरू किया. आज महिला रोजगार योजना से मिलने वाली राशि के सहारे पूनम ब्यूटी पार्लर खोलने की तैयारी में हैं. उनके लिए यह केवल रोजगार नहीं बल्कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की गारंटी है.

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