बिहार में कृषि क्रांति: ड्रोन से छिड़काव पर 50 प्रतिशत सब्सिडी, किसानों को मिलेगा डबल फायदा!

बिहार में कृषि क्रांति: ड्रोन से छिड़काव पर 50 प्रतिशत सब्सिडी, किसानों को मिलेगा डबल फायदा!

खेतों में कृषि ड्रोन की मदद से दवा छिड़काव के लिए बिहार सरकार सब्सिडी देगी. अब कृषि ड्रोन में फसल छिड़काव के लिए लगने वाले पैसे पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी. योजना के तहत सभी 38 जिलों को कवर किया जाएगा.

Bihar Agriculture Drone SchemeBihar Agriculture Drone Scheme
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • May 14, 2025,
  • Updated May 14, 2025, 11:55 AM IST

आधुनिक युग में तकनीक की मदद से खेती काफी आसान हो गई है, जिसमें कृषि ड्रोन की काफी महत्वपूर्ण भूमिका देखने मिल रही है. वहीं, देश सहित बिहार के किसान इसका इस्‍तेमाल ज्‍यादा से ज्‍यादा कर सकें. इसके लिए सरकार सब्सिडी भी दे रही है. इसी कड़ी में  बिहार कृषि विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए "कृषि ड्रोन से फसलों पर कीटनाशी और तरल उर्वरक का छिड़काव योजना" को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत सभी 38 जिलों के किसान ड्रोन तकनीक का इस्‍तेमाल कर कम समय में अधिक क्षेत्रफल में प्रभावी कीटनाशी एवं उर्वरक छिड़काव कर सकेंगे.

ज्‍यादा रकबे में होगा ड्रोन का इस्‍तेमाल

बिहार के कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि आधुनिक खेती की ओर बढ़ते बिहार में कृषि ड्रोन की मांग बढ़ी है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के 27,666 एकड़ फसल क्षेत्र पर ड्रोन के माध्यम से छिड़काव किया गया था. वहीं इस साल पिछले वर्ष की तुलना में डबल लक्ष्य रखा गया है. 

आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 56,050 एकड़ किया गया है. वहीं, "कृषि ड्रोन से फसलों पर कीटनाशी और तरल उर्वरक का छिड़काव योजना के अंतर्गत किसानों को प्रति एकड़ अधिकतम 240 रुपये या छिड़काव शुल्क का 50% सब्सिडी दी जाएगी. वहीं, एक किसान अधिकतम 15 एकड़ क्षेत्र के लिए और दो बार ड्रोन छिड़काव के लिए सब्सिडी का फायदा हासिल कर सकता है.

कृषि ड्रोन ने खेती में लाया क्रांतिकारी बदलाव

उप मुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि कृषि कार्यों में ड्रोन के इस्‍तेमाल से खेती के परंपरागत तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव आ रहा है. आज ड्रोन तकनीक की सहायता से केवल समय की बचत हैं नहीं है. बल्कि किसानों की लागत में भी काफी कमी आई है. जहां एक ड्रोन मात्र 10 से 12 मिनट में 1 एकड़ भूमि पर लगे फसलों का छिड़काव कर देता है. 

इसके साथ ही वह अपने एक उड़ान में ड्रोन 10 लीटर कीटनाशी, फफूंदनाशी अथवा तरल उर्वरक लेकर उड़ान भर सकता है, जिससे छिड़काव की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी होती है. आगे उन्होंने कहा कि ड्रोन से छिड़काव के माध्यम से एनपीके कनसोर्टिया, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, सूक्ष्म पोषक तत्व सहित अन्य तरल उर्वरकों का प्रयोग कर फसलों की गुणवत्ता एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा सकती है. 

ड्रोन के इस्‍तेमाल से किसान बनेंगे आत्मनिर्भर 

कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने कृषि ड्रोन की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगी और उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगी. उन्होंने ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास टिकाऊ कृषि, पर्यावरणीय संतुलन और स्मार्ट खेती को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे जहां एक ओर कृषि लागत में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर उत्पादन और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी.

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