गुस्‍से में हैं महाराष्‍ट्र में डेयरी किसान, आखिर क्‍यों नहीं बढ़ रहे हैं दूध के दाम, 1 जुलाई से राज्‍य में होगा प्रदर्शन! 

गुस्‍से में हैं महाराष्‍ट्र में डेयरी किसान, आखिर क्‍यों नहीं बढ़ रहे हैं दूध के दाम, 1 जुलाई से राज्‍य में होगा प्रदर्शन! 

बताया जा रहा है कि दूध की कीमतों में इतनी गिरावट की एक वजह स्किम्‍ड मिल्‍क पाउडर की कीमतों का कम होना है. इस वजह से प्राइवेट कंपनियां जो मिल्‍क पाउडर बनाती हैं, वो भी किसानों को कम पैसे दे रही हैं. ग्‍लोबल मार्केट में जो कीमतें अभी  हैं, उनकी वजह से भारत से होने वाले मिल्‍क पाउडर का निर्यात बहुत ज्‍यादा प्रतिस्‍पर्धी नहीं रह गया है. किसान नेताओं की मांग है कि सरकार को मिल्‍क पाउडर के एक्‍सपोर्ट पर भी सब्सिडी देनी चाहिए.

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) दक्षिण भारत का सबसे बड़ा सहकारी डेयरी संघ है.कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) दक्षिण भारत का सबसे बड़ा सहकारी डेयरी संघ है.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jun 29, 2024,
  • Updated Jun 29, 2024, 7:03 PM IST

महाराष्‍ट्र में इस समय डेयरी किसान काफी गुस्‍से में हैं. वह पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और अब उनका यह प्रदर्शन सुर्खियां बटोर रहा है. ये प्रदर्शनकारी किसानों ने शुक्रवार को विधानसभा के बाहर इकट्ठा हुए और इन्‍होंने प्रदर्शन किया. ये किसान दूध की कीमतों में हो रही गिरावट से नाराज हैं. नाराज किसानों ने जहां एक तरफ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया तो वहीं कई लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया. किसानों की मानें तो उन्‍हें प्रति लीटर 10 से 15 रुपये का नुकसान हो रहा है. ऐसे में सरकार को कुछ सोचना चाहिए और उन्‍हें कम से 10 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी मुहैया कराई जानी चाहिए. 

27 रुपये प्रति लीटर दूध 

ऑल इंडिया किसान सभा के नेता डॉक्‍टर अजित नावले ने कहा है कि प्रदर्शन को पूरे राज्‍य में आयोजित किया जा रहा है. साथ ही दूध की कीमत बढ़ाने की मांग भी की जा रही है. वहीं विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने भी चेतावनी दी है कि अगर दूध की कीमतों में इजाफा नहीं हुआ है तो फिर पूरे महाराष्‍ट्र में प्रदर्शन होंगे. महाराष्‍ट्र कांग्रेस के मुखिया नाना पटोले ने कहा कि कई राज्‍यों में 45 रुपये प्रति लीटर से भी ज्‍यादा है. लेकिन महाराष्‍ट्र में किसानों को दूध 27 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर ही बेचना पड़ रहा है. लेकिन उपभोक्‍ताओं से ज्‍यादा कीमतें वसूली जा रही हैं. मॉनसून सत्र के दूसरे दिन महाराष्‍ट्र विधानसभा में विपक्ष ने राज्‍य सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की. इस दौरान किसानों की कर्ज की माफी और दूध की कीमत जैसे मसले हावी रहे. 

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सरकार को मिली संगठनों की धमकी 

कुछ ही दिन पहले देश के बड़े मिल्‍क ब्रांड्स ने दूध की कीमतों पर दो रुपये प्रति लीटर तक का इजाफा किया है. लेकिन वहीं महाराष्‍ट्र में डेयरी किसानों गिरती कीमतों से परेशान हैं. राज्‍य में गाय के दूध की कीमत 26 रुपये प्रति लीटर तक है. लोकसभा चुनावों से पहले मार्च और अप्रैल में राज्‍य सरकार ने किसानों को प्रति लीटर दूध पर पांच रुपये तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया था. इसे भी मई में बंद क‍र दिया गया. शुक्रवार को महाराष्‍ट्र का बजट आया और किसानों के नजरें इस पर टिकी रहीं. किसान संगठनों का कहना है कि राज्‍य सरकार को किसानों को हुई भरपाई का हर्जाना भरना पड़ेगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर एक जुलाई से किसान पूरे राज्‍य में दूध की कीमतों में इजाफे की मांग पर आंदोलन करेंगे. 

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क्‍यों नहीं बढ़ रही कीमतें 

बताया जा रहा है कि दूध की कीमतों में इतनी गिरावट की एक वजह स्किम्‍ड मिल्‍क पाउडर की कीमतों का कम होना है. इस वजह से प्राइवेट कंपनियां जो मिल्‍क पाउडर बनाती हैं, वो भी किसानों को कम पैसे दे रही हैं. ग्‍लोबल मार्केट में जो कीमतें अभी  हैं, उनकी वजह से भारत से होने वाले मिल्‍क पाउडर का निर्यात बहुत ज्‍यादा प्रतिस्‍पर्धी नहीं रह गया है. किसान नेताओं की मांग है कि सरकार को मिल्‍क पाउडर के एक्‍सपोर्ट पर भी सब्सिडी देनी चाहिए. इससे किसानों को दूध की बेहतर कीमतें हासिल करने में मदद मिलेगी. 

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महाराष्‍ट्र के किसान घाटे में! 

स्‍वाभिमानी शेतकारी संगठन के मुखिया और पूर्व सांसद राजू शेट्टी की मानें तो करीब 120 लाख लीटर दूध का उत्‍पादन राज्‍य में रोजाना होता है. केवल इसका कुछ ही हिस्‍सा संगठित क्षेत्र में जाता है. जबकि करीब 20 लाख लीटर दूध मध्य प्रदेश और कर्नाटक से आ रहा है. इस स्थिति में किसानों को गाय के दूध पर सिर्फ 25 से 26 रुपये प्रति लीटर ही मिल रहे हैं. वहीं पिछले साल तो इसकी कीमत 38 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थी.

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