चुनाव आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के पहले पांच चरणों के लिए वोटर्र टर्न आउट की पूरी संख्या जारी कर दी. इसके साथ ही आयोग ने दोहराया कि मतदान डेटा हमेशा उम्मीदवारों और जनता दोनों के लिए सुलभ रहा है. आयोग ने ऐसे समय में मतदान संख्या को सार्वजनिक किया जब 58 छठे दौर की वोटिंग जारी थी. कांग्रेस और विपक्षी दलों ने वोटर टर्नआउट के आंकड़ों की बात कही और आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था.
चुनाव आयोग ने शनिवार को विपक्षी दलों के आरोपों को चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के लिए झूठी कहानियों और शरारती डिजाइन का पैटर्न करार दिया है. आयोग ने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा कि हर चरण के मतदान के दिन सुबह 9:30 बजे से वोटर टर्नआउट डेटा हमेशा उसके ऐप के जरिये रंत उपलब्ध होता है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लोकसभा चुनावों के दौरान अपनी वेबसाइट पर मतदान केंद्र-वार वोटर टर्नआउट डेटा अपलोड करने के लिए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की याचिका पर सुनवाई की थी. आयोग ने याचिका पर आयोग निर्देश जारी करने से साफ इनकार कर दिया था.
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याचिका पर आए सुप्रीम कोर्ट के एक दिन बाद ही आयोग पूर्ण मतदान संख्या जारी की और मतदान के बीच ही 'हैंड्स-ऑफ एट्टीट्यूड' का समर्थन किया. चुनाव पैनल ने एडीआर की मांग का यह कहते हुए विरोध किया था कि यह चुनावी माहौल को 'खराब' करेगा. आयोग का कहना था कि यह रवैया आम चुनावों के बीच में चुनाव मशीनरी में 'अराजकता' पैदा कर सकता है. चुनाव आयोग की तरफ से आई एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि आयोग भारत के चुनाव आयोग द्वारा मतदान डेटा जारी करने की प्रक्रिया पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों और फैसले से उचित रूप से मजबूत महसूस करता है.
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चुनाव आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि कठोर, पारदर्शी और भागीदारी प्रक्रिया के कारण डाले गए वोटों की संख्या में कोई भी बदलाव संभव नहीं है. आयोग की मानें तो सभी उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास फॉर्म 17सी है, जो 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 10.5 लाख मतदान केंद्रों में से प्रत्येक पर डाले गए वोटों की कुल संख्या दर्ज करता है. आयोग ने कहा कि फॉर्म 17सी में दर्ज वोटों की कुल संख्या में बदलाव नहीं किया जा सकता क्योंकि वे सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हैं.
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 49 वी (2) के तहत उम्मीदवारों के एजेंटों को हमेशा ईवीएम और वैधानिक कागजात, जिसमें फॉर्म 17 सी भी शामिल है, ले जाने की अनुमति होती है. उम्मीदवार या उनके एजेंट फॉर्म 17सी की प्रति मतगणना केंद्र में लाते हैं और प्रत्येक राउंड के परिणाम से इसकी तुलना करते हैं.