चंडीगढ़ के किसान भवन में शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की अगुआई में एक बैठक हुई. इसे ऑल पार्टी मीटिंग का नाम दिया गया. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने इस बैठक में चार अहम मुद्दों पर चर्चा की और करीब 10 राजनीतिक पार्टियों ने इसमें हिस्सा लिया. लेकिन आप (आम आदमी पार्टी) ने इस बैठक से दूरी बना ली. बैठक के बाद डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि हमारी एकता किसान मुद्दों के लिए है, राजनीति के लिए नहीं.
पंजाब सरकार लैंड पूलिंग पॉलिसी लेकर आई है जिसके तहत राज्य भर में - मुख्य रूप से लुधियाना जिले में 40,000 एकड़ से ज्यादा जमीन अधिग्रहित करने की योजना है. इसे लेकर पंजाब सरकार को किसानों और उनके संघों का भारी विरोध झेलना पड़ रहा है. शुक्रवार की बैठक का मकसद लैंड पूलिंग और सामान्य रूप से कृषि क्षेत्र से संबंधित अन्य प्रमुख नीतिगत मामलों में सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों को जवाबदेह बनाना था.
बैठक के बाद दर्शन पाल ने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, लैंड पूलिंग, जल विवाद और सहकारी विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा की गई. इन चार मुद्दों पर पंजाब की राजनीतिक पार्टियों का विचार जानने के लिए बैठक बुलाई गई थी ताकि उनका स्टैंड जाना जाए. बैठक का मकसद था पार्टियों का स्टैंड जानना और एसकेएम क्या कर रहा है, इसकी जानकारी देना. इस बैठक में जिन पार्टियों को निमंत्रित किया गया था, वे सभी पार्टियां आईं मगर आम पार्टी के प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुए.
दर्शन पाल ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि राज्य सरकार पर दबाव बनाया जाएगा ताकि लैंड पूलिंग पॉलिसी को रद्द किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टियां और एसकेएम संघर्ष करेंगे. एसकेएम के इस संघर्ष में पार्टियां भी नैतिक तौर पर अपना समर्थन देंगी. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सरकार पर इस बात का दबाव बनाया जाएगा कि अमेरिका के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में कृषि और उससे जुड़े मुद्दों को अलग रखा जाएगा. इसमें फिशरीज, डेयरी और अन्य कृषि के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं.
दर्शन पाल ने बताया कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ 30 तारीख को एक बड़ा आंदोलन होगा और 24 अगस्त को एक महारैली की जाएगी. बैठक में आम आदमी पार्टी के नहीं आने के सवाल पर दर्शन पाल ने कहा कि 2027 में चुनाव है, उसके पहले पंजाब सरकार को किसानों के मुद्दों को सुलझाना होगा. पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ एसकेएम और किसानों को भारतीय जनता पार्टी का भी समर्थन मिल रहा है.
बैठक में आप, कांग्रेस, बीजेपी, शिरोमणि अकाली दल और बीएसपी जैसे राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजा गया था, जिनके विधायक विधानसभा में मौजूद हैं. इनके अलावा, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले), भारतीय क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपीआई) जैसे वामपंथी दलों और शिरोमणि अकाली दल के एक विद्रोही गुट, पांच सदस्यीय भर्ती समिति को भी आमंत्रित किया गया. इसमें सभी पार्टियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को अपनी राय और सुझाव देने का समय दिया गया. बाद में किसान नेताओं और पार्टी प्रतिनिधियों के बीच सवाल-जवाब का भी सेशन रखा गया.