महाराष्ट्र में इन दिनों किसानों की आत्महत्या का मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है. सभी विपक्षी दल राज्य की महायुति सरकार और केंद्र की एनडीए सरकार पर हमलावर है. वहीं, बुधवार को किसानों की आत्महत्या का मुद्दा विधानसभा में उठा. समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष और मानखुर्द शिवाजी नगर से विधायक अबू आसिम आज़मी ने विधानसभा में किसानों की समस्याओं को लेकर सवाल किया. इस दौरान उन्होंने कपास किसानों की परेशानी पर भी जोर देकर इसे हल करने की मांग की कि अभी उन्हें दूसरे राज्यों पर निर्भर होना पड़ता है.
सपा नेता ने अपने एक्स हैंडल पर बुधवार को विधानसभा के प्रश्नकाल का वीडियाे पोस्ट कर लिखा, “महाराष्ट्र देश की आर्थिक राजधानी है, लेकिन पिछले तीन महीनों में 800 किसानों ने आत्महत्या की है- यह राज्य के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय होना चाहिए. कपास किसानों को सरकार की ओर से उचित दाम नहीं मिलते, उन्हें अपनी फसल अन्य राज्यों में भेजनी पड़ती है और फिर भुगतान के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता है. इस कारण वे कर्ज़ में डूब जाते हैं और अंततः आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं.” सरकार से आज सदन में किसानों की इन मजबूरियों को दूर करने की मांग की गई.
महाराष्ट्र देश की आर्थिक राजधानी है, लेकिन पिछले तीन महीनों में 800 किसानों ने आत्महत्या की है — यह राज्य के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय होना चाहिए। कपास किसानों को सरकार की ओर से उचित दाम नहीं मिलते, उन्हें अपनी फसल अन्य राज्यों में भेजनी पड़ती है और फिर भुगतान के लिए लंबा… pic.twitter.com/U61ZmQpASB
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) July 16, 2025बता दें कि राज्य का मराठवाड़ा क्षेत्र किसानों की आत्महत्या में सबसे आगे चल रहा है. इस क्षेत्र में आठ जिलों में इस साल सैंकड़ों किसानों ने आत्महत्या की है. यह खुलासा राजस्व विभाग की रिपोर्ट में हुआ है. वहीं, राज्य के विदर्भ क्षेत्र में भी किसानों की तंगहाली और आत्महत्या की समस्या बरकरार है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने हाल ही में महाराष्ट्र राजस्व विभाग की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि किसानों की आत्महत्या के मामले में बढ़ोतरी देखी जा रही है. राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले इस साल 1 जनवरी से 26 जून के बीच किसान आत्महत्या के मामले 20 फीसद बढ़े हैं. पिछले साल इस क्षेत्र में इस अवधि में 430 किसानों ने आत्महत्या की थी, जबकि इस साल 520 किसानों ने आत्महत्या जैसा भयावह कदम उठाया.
पीटीआई के अनुसार, मध्य महाराष्ट्र क्षेत्र में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या वाले जिलों में बीड शामिल है, यहां चालू कैलेंडर वर्ष में यानी 1 जनवरी से 26 जून तक 126 किसानों ने आत्महत्या की. वहीं, छत्रपति संभाजीनगर में 92, नांदेड़ में 74, परभणी में 64, धाराशिव में 63, लातूर में 38, जालना में 32 और हिंगोली में 31 किसानों ने आत्महत्या की.