कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पुट्टपर्थी में आंध्रप्रदेश के कृषि मंत्री और अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद दक्षिणी आंध्र (रायलसीमा) के जिलों में सूखे और खेती संकट से जुड़ी समस्याओं पर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि यहां बारिश की कमी और बार-बार सूखे के कारण किसान गहरे संकट में हैं. शिवराज सिंह चौहान ने आंध्र प्रदेश के सीएम से भी मुलाकात की और कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा ड्रिप इरिगेशन और हॉर्टिकल्चर जैसे प्रयास सराहनीय हैं. अब इन जिलों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए अब केंद्र और राज्य मिलकर इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान तैयार करेंगे.
इस दौरान चौहान ने कहा कि पिछली राज्य सरकार ने जरूर केंद्र सरकार के पैसे को भी डायवर्ट करके यहां किसानों के साथ अन्याय किया, लेकिन ये सरकार काम कर रही है और यहां पर विजनरी चीफ मिनिस्टर हैं. इसलिए हमारे मन में ये विचार आया कि रायलसीमा और इस जैसे जिलों की समस्या के समाधान के लिए एक तो टेम्परेरी समाधान और दूसरा कुछ लॉन्ग टर्म प्लानिंग भी की जाए, जिससे परमानेंट सॉल्यूशन निकल सके और इसलिए आज चर्चा करके हमने तय किया है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर इसका सॉल्यूशन खोजेगी.
चौहान ने ऐलान किया कि कृषि मंत्रालय, ICAR, ग्रामीण विकास और लैंड रिसोर्सेज विभाग की एक संयुक्त टीम यहां भेजी जाएगी. यह टीम वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ मिलकर जल संरक्षण, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, वॉटरशेड डेवलपमेंट और इंटीग्रेटेड फार्मिंग मॉडल पर काम करेगी. कृषि मंत्री ने बताया कि तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों से जल आपूर्ति के विकल्पों पर भी जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से विचार किया जा रहा है.
इसके अलावा सूखा सहनशील बीज, कृषि वानिकी, मधुमक्खी पालन और पशुपालन जैसी विविध कृषि पद्धतियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अस्थायी राहत योजना नहीं होगी, बल्कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम होगा.
बता दें कि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिवसीय दौरे पर आंध्र प्रदेश पहुंचे थे. शिवराज सिंह ने यहां आयोजित अनेक कार्यक्रमों में सहभागिता की और किसानों से सीधा संवाद भी किया. इस दौरान शिवराज सिंह सत्य साई जिले के एक खेत में पहुंचे, जहां उन्होंने एक स्थानीय किसान से मुलाकात की और उनकी प्राकृतिक खेती को नजदीक से देखा और खेत में उतरकर फसलों का जायजा लिया और खेती की पद्धतियों की जानकारी ली.
शिवराज सिंह ने कहा कि किसान आंजनेय नायक ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि अगर लगन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्राकृतिक खेती की जाए तो बिना सिंचाई वाले, सूखे और पथरीली ज़मीन पर भी खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जहां बारिश नहीं होती और जमीन उपजाऊ नहीं मानी जाती, वहां भी आंजनेय नायक ने प्राकृतिक खेती के जरिए सोना उगाया है. यह सभी किसानों के लिए प्रेरणा है.