पंजाब के पास किसी को देने के लिए एक भी बूंद एक्‍स्‍ट्रा पानी नहीं...सीएम भगवंत मान की दो टूक 

पंजाब के पास किसी को देने के लिए एक भी बूंद एक्‍स्‍ट्रा पानी नहीं...सीएम भगवंत मान की दो टूक 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत सरकार के हालिया फैसले से भारतीय क्षेत्र में पश्चिमी नदियों के पानी के ज्‍यादा उपयोग की संभावना खुल गई है. पश्चिमी नदियों में सिंधु, झेलम, चिनाब, उझ, कश्मीर नदियां आती हैं. उनका कहना था कि इससे पंजाब को अतिरिक्त 23 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) पानी मिल सकेगा,

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क‍िसान तक
  • Chandigarh ,
  • Jul 12, 2025,
  • Updated Jul 12, 2025, 11:29 AM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को दोहराया कि पंजाब के पास किसी भी और राज्य के साथ बांटने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है. इसके साथ ही उन्‍होंने राज्य और उसके लोगों के लिए पानी को एक भावनात्मक मुद्दा बताया. सीएम मान ने कहा कि पंजाब सरकार पानी की हर कीमती बूंद को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. मान ने यह बात उस समय कही जब वह  भाखड़ा-नांगल बांध पर सीआईएसएफ की तैनाती का विरोध करने वाले प्रस्ताव पर पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन बहस में शामिल हो रहे थे.

पंजाब को मिले और पानी 

सीएम का कहना था कि राज्य के पानी की पूरी कहानी सन् 1955 से शुरू होती है लेकिन दुर्भाग्य से पानी की कोई समीक्षा नहीं हुई है जो आदर्श तौर पर हर 25 साल बाद होनी चाहिए थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत सरकार के हालिया फैसले से भारतीय क्षेत्र में पश्चिमी नदियों के पानी के ज्‍यादा उपयोग की संभावना खुल गई है. पश्चिमी नदियों में सिंधु, झेलम, चिनाब, उझ, कश्मीर नदियां आती हैं. उनका कहना था कि इससे पंजाब को अतिरिक्त 23 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) पानी मिल सकेगा, जो राज्य और उसके किसानों की पानी की जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होगा. मान ने कहा कि पश्चिमी नदियों का पानी पंजाब को प्राथमिकता के आधार पर आवंटित किया जाना चाहिए. 

सीएम मान की सलाह 

साथ ही हिमाचल प्रदेश में मौजूदा भाखड़ा और पौंग बांधों के ऊपर नए भंडारण बांध बनाए जाने चाहिए. सीएम मान के अनुसार ऐसा करने से पश्चिमी नदियों के पानी के भंडारण और रेगुलेशन में इजाफा होगा. उन्होंने आगे कहा कि यह समय की मांग है ताकि पंजाब को उचित मुआवजा मिले. सीएम मान का कहना था कि पंजाब ने देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पानी और उपजाऊ भूमि जैसे अपने एकमात्र उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का सबसे ज्‍यादा दोहन किया है.  

विपक्षी दलों पर साधा निशाना 

पंजाब के विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए मान ने कहा कि वे नदी जल के मुद्दे पर 'गंभीर' नहीं हैं क्योंकि हमारे पानी की लूट के पीछे वे ही मुख्य दोषी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने पिछले छह दशकों से भी ज्‍यादा समय से इस गंभीर और भावनात्मक मुद्दे पर लोगों को गुमराह किया है. साथ ही राज्य से पानी छीनने के लिए पंजाब विरोधी ताकतों के साथ 'सांठगांठ' की है.  मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग अच्छी तरह जानते हैं कि सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के सर्वे की मांग किसने की थी या चांदी के फावड़े लेकर नहर के शिलान्यास समारोह में कौन शामिल था. मान ने दावा किया कि इससे अलग उनकी सरकार ने दूसरे राज्यों को एक बूंद भी पानी न देकर पंजाब के हितों की रक्षा की है. 

'यह सदन पंजाब के लोगों का'

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा को आड़े हाथों लेते हुए, मान ने उनके पंजाबी भाषा के अल्प ज्ञान पर सवाल उठाया और कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता के कॉन्वेंट स्कूल ने शायद उन्हें यह नहीं सिखाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सदन की कार्यवाही से भागने के लिए बस एक घटिया बहाना ढूंढ़ते हैं ताकि लोगों के सामने बेनकाब होने से बच सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सदन पंजाब के 3.5 करोड़ लोगों का है और केवल उनके द्वारा चुने गए व्यक्ति को ही उनकी सेवा करने का सौभाग्य मिला है.  
 
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