अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ का असर सबसे पहले कॉफी पर देखने को मिला है. टैरिफ की वजह से दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में घबराहट देखी गई है. इस दौरान हुई बिक्री के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कॉफी की कीमतों में तेज गिरावट हुई है. इसकी वजह से घरेलू कीमतों पर भी असर पड़ा है. आपको बता दें कि ट्रंप की तरफ से जिन टैरिफ दरों का ऐलान किया गया है , वो 9 अप्रैल से भारत पर प्रभावी हो गई हैं.
दो अप्रैल से ट्रंप प्रशासन की तरफ से भारत समेत दुनिया के कुछ और देशों पर रेरिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है. इस कदम के साथ ही पिछले कुछ दिनों में वैश्विक कॉफी की कीमतों में तेजी गिरावट आई है. इसका असर घरेलू कीमतों पर भी देखा जा रहा है. अखबार द हिंदू बिजनेसलाइन ने यूपीएएसआई कॉफी कमेटी के अध्यक्ष सहदेव बालकृष्ण के हवाले से लिखा, 'अरेबिका और रोबस्टा चेरी की कीमतों में 1,000 रुपये से2,000 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग के बीच कमी आई है. इसके अलावा, रोबस्टा चेरी की कीमतें 480 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर लगभग 440 रुपये पर आ गई हैं. बाजार अस्थिर है और इसने व्यापार को सतर्क कर दिया है.
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अरेबिका कॉफी जो सीधा खेतों से आती हैं, उसकी कीमतें 26,200 रुपये से 26,800 रुपये प्रति 50 बैग पर आ गई हैं. जबकि मार्च के पहले हफ्ते में यह आंकड़ा 27, 200 रुपये था. इसी तरह से रोबुस्टा की कीमतें भी 21,400 रुपये से 21,800 रुपये के बीच बनी हुई है. यह आंकड़ा मार्च के आखिरी हफ्ते में 22,200 ये 2,900 के बीच था. कॉफी निर्यातक एसोसिएशन के प्रेसीडेंट रमेश राजा ने बताया कि हर कोई कन्फ्यूज है. उत्पादक अब बिक्री में रुचि नहीं दिखा रहे हैं क्योंकि कीमतों में गिरावट आई है. अब वो कुछ समय के लिए इंतजार करना पसंद कर रहे हैं.
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कोडागु में कॉफी उगाने वाले प्रमोद सोमैया ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कीमतें फिलहाल अस्थायी हैं और कीमतों में आने वाले समय में तेजी आएगी. प्रमोद का कहना था कि लिमिटेड सप्लाई की वजह से कॉफी की कीमतें बढ़ेंगी और कॉफी की मांग बढ़ती जा रही है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय कॉफी ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से कहा गया है कि मार्च के महीने में कॉफी की कीमतों में थोड़ी नरमी देखी गई थी जो कि अनिश्चितता की वजह से हुआ था. भारत का कॉफी निर्यात मार्च 2025 में 46 फीसदी बढ़ा और 1.81 बिलियन डॉलर की कॉफी निर्यात की गई है. जबकि पिछले साल 1.289 बिलियन डॉलर की कॉफी निर्यात की गई थी.