
हाल ही में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रेलवे के लोको पायलट्स से मुलाकात की थी. उनकी यह मुलाकात अब नए विवाद की वजह बन गई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राहुल के लोको पायलट्स को लेकर किए गए एक दावे को फेक न्यूज कहकर सिरे से खारिज कर दिया है. वैष्णव ने कहा है कि लोको पायलट या ड्राइवर रेलवे के परिवार से महत्वपूर्ण सदस्य हैं. गौरतलब है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारतीय रेलवे के लोको पायलटों से मुलाकात की थी.
राहुल गांधी की लोको पायलट से मुलाकात पर रेल मंत्री वैष्णव ने आरोप लगाया कि विपक्ष सिर्फ गलत और भ्रामक जानकारियां फैला रहा है. उनका कहना था कि यह सारा 'ड्रामा' करके राहुल सिर्फ लोको पायलट को हत्तोसाहित करना चाहते हैं और कुछ नहीं. इसके साथ ही वैष्णव ने उन उपायों के बारे में भी बताया जो रेलवे की तरफ से ट्रेन ड्राइवर्स की काम करने की स्थिति को बेहतर करने के लिए उठाए गए हैं. उन्होंने बताया कि लोको पायलट के काम करने के घंटों पर सावधानी से नजर रखी जाती है. सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा कि औसत ड्यूटी घंटे निर्धारित घंटों के भीतर बनाए रखे जाते हैं.
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वैष्णव ने बताया कि जून के महीने में औसत वर्किंग आवर्स आठ घंटे से भी कम थे. उनका कहना था कि सिर्फ इमरजेंसी की स्थितियों में ही यात्रा की अवधि निर्धारित घंटों से ज्यादा होती है. वैष्णव का यह बयान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उस दावे के बाद आया जो उन्होंने लोको पायलटों के एक समूह से मुलाकात के बाद किया था.
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राहुल का दावा था कि पायलटों ने कम कर्मचारियों के कारण आराम न मिलने की शिकायत की थी. राहुल ने कहा था कि उन्होंने लोको पायलटों को भरोसर दिया है कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे. इस मुलाकात के बाद उत्तर रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर (सीपीआरओ) दीपक कुमार ने कहा था कि कांग्रेस सांसद ने जिन लोगों से बातचीत की, वो दिल्ली डिवीजन के नहीं बल्कि 'बाहर से' आए थे.
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सीपीआरओ दीपक कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'राहुल गांधी ने हमारी क्रू लॉबी देखी. उनके साथ 7-8 कैमरामैन थे. उन्होंने हमारी क्रू लॉबी का दौरा किया और जांच की कि हम अपनी क्रू लॉबी कैसे बुक करते हैं. क्रू लॉबी से बाहर आने के बाद उन्होंने कुछ लोगों के साथ बात की. वहां करीब 7-8 क्रू मेंबर थे जो हमारी लॉबी से नहीं थे लेकिन ऐसा लग रहा था कि वे बाहर से थे. उनके पास 7-8 कैमरामैन थे जो उन्हें फिल्मा रहे थे और रील बना रहे थे.' हालांकि, सीपीआरओ के बयान का कई लोको पायलट एसोसिएशनों ने खंडन किया, जिनके सदस्य राहुल गांधी के साथ बैठक में मौजूद थे.