MSP गारंटी समेत किसानों की कई मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) गैरराजनीतिक के बैनर तले पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी है. इस किसान आंदोलन को लेकर बुधवार 9 जुलाई को हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया था, जिसमें पंंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से एक सप्ताह के अंदर सड़कों पर लगाए गए बैरिकेड हटाने को कहा है.
माना जा रहा है कि इस आदेश के बाद बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का दिल्ली आना आसान हो जाएगा. यानी दिल्ली में एक और बड़े किसान आंदोलन की रूपरेखा बनती हुई दिख रही है.
इस बीच 9 जुलाई को ही अभी तक आंदोलन से दूर SKM ने दिल्ली में एक बैठक की है, आम सभा के नाम से बुलाई गई इस बैठक में SKM के देशभर में सक्रिय सदस्य शामिल हुए हैं. इस बैठक में ये तय किया गया है कि SKM फिर से अपना किसान आंदोलन शुरू करेगा. SKM की तरफ से गुरुवार को ये घोषणा की गई है, लेकिन SKM ने अब किसान आंदोलन की चाल में बड़ा बदलाव किया है.
किसान आंदोलन को लेकर SKM की नई रणनीति के तहत अब कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी MSP गारंटी कानून की मांग का चेहरा बन सकते हैं. इसको लेकर SKM की टीम ने काम शुरू कर दिया है. क्या ऐसा होगा? ऐसा क्या होने जा रहा है? क्या है पूरा मामला, आइए विस्तार से बात करते हैं.
SKM की तरफ से 10 जुलाई को बुलाई गई एक प्रेस कांफ्रेंस में किसान आंदोलन को फिर से शुरू करने की घोषणा की गई है. SKM के नेताओं का कहना है कि सड़कों पर किसान आंदोलन शुरू किया जाएगा, लेकिन उससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें SKM का संशोधित मांग पत्र सौंपे जाएगा. इसके लिए 16 से 18 जुलाई तक का दिन निर्धारित किया गया है. मसलन, अब SKM ने MSP गारंटी कानून समेत विभिन्न मांगों को लेकर अपना मांग पत्र पीएम मोदी समेत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को सौंपने की योजना बनाई है.
SKM अपने विशेष अभियान के तहत 16 से 18 जुलाई तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं को अपना मांग पत्र सौंपेगा. ये पूरी कवायद सदन में MSP गारंटी कानून पर प्राइवेट बिल लाने की तैयारी को लेकर है. SKM के एक सदस्य ने नाम ना छापने की शर्त पर किसान तक से विशेष बातचीत में बताया कि SKM नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को MSP गारंटी पर महाराष्ट्र के हातकणंगले से पूर्व सांसद और AIKSCC के किसान नेता राजू शेट्टी की तरफ से लाया गया प्राइवेट बिल सौंपेगा, जिसे सदन में फिर से रखने की मांग करेगा.
SKM अपनी बदली हुई रणनीति के तहत संसद में MSP गारंटी कानून पर चर्चा करवाना चाहता है, जिसके लिए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के माध्यम से MSP गारंटी पर राजू शेट्टी की तरफ से लाए गए प्राइवेट बिल को दोबारा संसद के पटल पर रखने की योजना पर काम किया जा रहा है. सवाल ये है कि कैसे राहुल गांधी SKM की इस मांग को स्वीकारेंगे. इसको लेकर किसान तक के पास, जो जानकारी उसके तहत इसमें योगेंद्र यादव की भूमिका बेहद ही अहम होने जा रही है.
असल में मौजूदा वक्त में योगेंद्र यादव कांग्रेस की कोर ग्रुप में शामिल हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ाे यात्रा के दौरान योगेंद्र यादव और राहुल गांधी की जुगलबंदी को सबने देखा था. वहीं योगेंद्र यादव SKM के भी सदस्य रहे हैं. कांग्रेस की भारत जोड़ा यात्रा में शामिल होने के लिए ही उन्होंने SKM से दूरी बनाई थी, लेकिन उनका किसान संगठन जय किसान आंदोलन SKM का अहम सदस्य है. SKM ने राहुल गांधी से बातचीत की जिम्मेदारी योगेंद्र यादव पर ही डाली है.
अब सवाल ये ही कि जब किसान आंदोलन की बदली रणनीति के तहत SKM संसद में राहुल गांधी के माध्यम से प्राइवेट बिल लाने जा रहा है. तो राजू शेट्टी वाला प्राइवेट बिल ही क्यों लाया जा रहा है. इसमें क्या खास है. इसकी जानकारी ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोर्डिनेशन कमेटी (AIKSCC) के संस्थापक संयोजक रहे सरदार वीएम सिंंह देते हैं. यहां ये जानना जरूरी है कि AIKSCC ही बाद में SKM बना था. वहीं मौजूदा वक्त में SKM और वीएम सिंह अलग-अलग सक्रिय हैं, जिसमें राजू शेट्टी सरदार वीएम सिंह के साथ हैं.साल 2017 में मंंदसाैर गोली कांड के बाद AIKSCC का गठन हुआ था
MSP गारंटी कानून पर किसान नेता राजू शेट्टी के प्राइवेट बिल की जानकारी देते हुए सरदार वीएम कहते हैं कि ये प्राइवेट बिल 21 जुलाई 2018 को सदन में रखा गया था. वह इसकी पूरी कहानी बताते हुए कहते हैं कि किसान नेता राजू शेट्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के हातकणंगले से निर्वाचित होकर सदन में पहुंचे थे. AIKSCC के बैनर तले प्राइवेट बिल लाने पर चर्चा के लिए 28 मार्च 2018 को कॉस्टीट्यूशन क्लब में एक बैठक हुई थी. इस बैठक में उन्होंंने और राजू शेट्टी ने ही ये MSP गारंटी पर ये प्राइवेट बिल सार्वजनिक किया गया था. इस बैठक में बाकी किसान नेताओं के साथ ही राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता भी मौजूद थे.
सरदार वीएम सिंह कहते हैं कि इस बैठक में कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खरगे, दीपेंद्र हुड्डा, टीसीपी से दिनेश त्रिवेदी, शरद यादव, सीताराम येचुरी, शिवसेना, एनसीपी, टीडीपी के शीर्ष नेता थे. जिसमें MSP गारंटी कानून के ड्राफ्ट पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से संशोधन कराए गए थे और सबकी सहमति के बाद MSP गारंटी कानून बिल तैयार किया गया था, जिसमें AIKSCC ने सभी नेताओं से हस्ताक्षर लिए थे.सरदार वीएम सिंह बताते हैं कि इस बैठक में राहुल गांधी ने भी शिरकत की थी.
सरदार वीएम सिंह बताते हैं कि राष्ट्रपति की मंंजूरी के बाद 21 जुलाई 2018 को MSP गारंटी पर प्राइवेट बिल लोकसभा में रखा गया, लेकिन 2019 में लोकसभा का कार्यकाल खत्म हो गया. इस वजह से इस बिल पर चर्चा भी नहीं हो पाई और लोकसभा में बिल की वैद्यता खत्म हो गई.
SKM की तरफ से दोबारा इस बिल को पटल पर रखने की कोशिशों का स्वागत करते हुए वीएम सिंह कहते हैं कि ये कोशिशें अगर पहले और कांग्रेस शासित राज्यों में MSP गारंटी कानून लागू करवा कर की जाती तो किसानों को इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता. अब देखना ये है कि किसानाें के मुद्दों पर अग्रेसिव होने वाली राहुल गांधी को SKM MSP गारंटी को लेकर अपने पाले में लाने में कितना सफल होता है.
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