देश के कई राज्यों में एमएसपी पर धान की खरीद जारी है. इस बीच पंजाब में धान खरीदी की प्रक्रिया को लेकर कोई न कोई रुकावट आ रही है. अब ताजा परेशानी सीएम भगवंत मान के जिले में सामने आ रही है, जहां धान की धीमी खरीद को लेकर कीर्ति किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने किसानों ने आज बहादुरपुर गांव में संगरूर-बरनाला रोड जाम कर दिया. किसान यूनियन के लीडर भूपिंदर सिंह लोंगोवाल ने कहा कि धान की धीमी खरीद की बात कहते हुए कहा कि चिंता का विषय है कि सीएम भगवंत मान के जिले में भी किसान कई दिनों से अनाज मंडियों में धान की खरीद के लिए इंतजार में रुके हुए हैं.
'दि ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, भूपिंदर सिंह लोंगोवाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार किसानों की समस्या को लेकर आंखें मूंदकर बैठी है. कोहरे के कारण धान में नमी की मात्रा बढ़ गई है, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ रही है. उन्होंने आगे कहा कि मार्कफेड के एक अधिकारी की ओर से धरनास्थल पर बैठे किसानों को आश्वासन दिया गया है कि उन्हें अनाज मंडियों में तकलीफ नहीं उठानी पड़ेगी.
अधिकारी ने किसानों आश्वासन दिया कि कि चावल शेलर मालिकों के साथ चर्चा के बाद उनकी फसल बिना किसी कटौती के खरीदी जाएगी. अधिकारी की तरफ से आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने एक घंटे बाद जाम हटा दिया. किसानों ने कहा कि अगर कल से धान खरीदी फिर शुरू नहीं की गई तो वे आंदोलन तेज कर देंगे.
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मालूम हो कि पंजाब में 1 अक्टूबर 2024 से खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए खरीद शुरू हुई थी. धान खरीद की आखिरी तारीख 30 नवंबर 2024 है यानी किसानों के पास अब अपनी उपज बेचने के लिए 15 दिन ही शेष बचे हैं. इस सीजन राज्य से 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का अुनमानित लक्ष्य रखा गया है. पूरे प्रदेश में 2927 नामित मंडिया और अस्थायी यार्ड चलाए जा रहे हैं.
इससे पहले भी राज्यभर में धान की खरीदी में परेशानी आई थी. पहले गोदामों में जगह खाली न होने, चावल मिल मालिकों की ओर से नई उपज खरीदने से मना करने और धान में नमी होने से कम भाव, धान का उठान जैसी समस्याओं को लेकर किसानों और उनके संगठनों ने आवाज उठाई थी, जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने अपने-अपने क्षेत्राधिकार में काम कर किसानों की समस्याएं हल करने की बात कही थी. हालांकि, इनमें से कई परेशानियां हल भी हुई, लेकिन अब संगरूर में यह ताजा घटना सामने आई है, जहां किसान परेशानी की बात कह रहे हैं.