आंदोलन कर रहे किसानों को मिला उप राष्‍ट्रपति का साथ, केंद्र से पूछा- वादा क्‍यों नहीं निभाया, दी ये नसीहत

आंदोलन कर रहे किसानों को मिला उप राष्‍ट्रपति का साथ, केंद्र से पूछा- वादा क्‍यों नहीं निभाया, दी ये नसीहत

पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है. इस बीच, किसानों के मुद्दे को लेकर उप राष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्र सरकार और केंद्रीय कृषि एवं कल्‍याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसानों के मुद्दों और उन्‍हें सुलझाने के लिए बातचीत को लेकर कई सवाल किए. इससे पहले भी उन्‍होंने किसानों को लेकर कहा था क‍ि उनके दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं.

उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 04, 2024,
  • Updated Dec 04, 2024, 10:17 AM IST

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को किसानों को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि विकसित भारत का रास्ता किसान के दिल से निकलता है, यह हमें कभी नहीं भूलना चाहिए. उप राष्ट्रपति ने कहा कि किसान अगर आज के दिन आंदोलित हैं, उस आंदोलन का आकलन सीमित रूप से करना बहुत बड़ी गलतफहमी और भूल होगी. उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल करते हुए कहा, "मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से बातचीत क्यों नहीं हो रही है?

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ''मैं यह समझने में असफल हूं कि हम अर्थशास्त्रियों, थिंक टैंकों के परामर्श से एक ऐसा फॉर्मूला क्यों नहीं बना सकते, जो हमारे किसानों को पुरस्कृत कर सके. अरे, हम तो जो देय है, उसके बदले इनाम भी नहीं दे रहे हैं. जो वादा किया है, हम उस वादे में कंजूसी कर रहे हैं.''

'आपका एक-एक पल भारी है'

उपराष्‍ट्रपति ने कृषि‍ मंत्री से सवाल किया कि आखिर किसानों से जो लिखित में वादे किए गए थे, उन्हें क्यों नहीं निभाया गया. उन्‍होंने आगे कहा, 'कृषि मंत्री जी, आपका एक-एक पल भारी है. मेरा आपसे आग्रह है कि कृपया मुझे बताएं , क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया, वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?'

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उप राष्‍ट्रपति बोले- ये बहुत गहरा मुद्दा है

जगदीप धनखड़ ने कहा कि पिछले साल भी किसान आंदोलन कर रहे थे, इस साल भी आंदोलन चल रहा है. समय गुजरता जा रहा है और हम कुछ कर नहीं रहे हैं. इस दौरान धनखड़ ने कहा कि पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है. पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है. दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था. जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान क्यों है?  ये बहुत गहरा मुद्दा है. इसे हल्के में लेने का मतलब है कि हम प्रैक्टिकल नहीं हैं. हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है.

किसानों के लिए खुले हैं दरवाजे

इससे एक दिन पहले यानी सोमवार 2 दिसंबर को भी उन्‍होंने आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर बयान दिया था. उन्‍होंने कहा था कि उनके दरवाजे किसानों के लिए हमेशा खुले हुए हैं. हमें चिंतन करने की जरूरत है, जो बीत गया सो बीत गया, लेकिन आगे का रास्ता सही होना चाहिए. विकसित भारत का रास्ता खेतों से होकर जाता है. किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान होना चाहिए.

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