दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चुनाव प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दी गई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आम आदमी पार्टी (आप) के साथ-साथ विपक्षी दलों के इंडिया ब्लॉक को भी बड़ी राहत मिली है. केजरीवाल को दिल्ली की शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिली है. केजरीवाल के बाहर आने से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से जो कुछ हो रहा है, उसने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी हैं. विशेषज्ञों की मानें तो अब पार्टी की चिंता लोकसभा चुनावों में उसका प्रदर्शन नहीं बल्कि पार्टी के अंदर जो कुछ चल रहा है, उसे संभालना है.
केजरीवाल की मौजूदगी निश्चित रूप से इंडिया गठबंधन को बेहतर ढंग से इकट्ठा करने में मदद कर सकती है. इसके अलावा, केजरीवाल अपनी पार्टी और गठबंधन दोनों के लिए एक स्टार प्रचारक हैं और उन्हें सहानुभूति के तौर पर वोट मिलने की भी उम्मीद है. आप के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि केजरीवाल ने पार्टी में नई जान फूंक दी है. उनके साथ, कार्यकर्ता खुश, बहुत अधिक सकारात्मक और बहुत अधिक उत्साहित महसूस करते हैं. यह इसका एक पहलू है.
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जैसे ही केजरीवाल जमानत पर बाहर आए और उन्होंने अपनी पार्टी को फिर से खड़ा करना शुरू किया, पार्टी स्वाति मालीवाल एपिसोड में उलझ गई. आप की राज्यसभा सांसद ने पीसीआर कॉल में दावा किया कि केजरीवाल के पर्सनल असिस्टेंट विभव कुमार ने उनके निर्देश पर उन पर हमला किया था. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. बाद में, वह एफआईआर दर्ज कराने के लिए सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन गईं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. दिल्ली पुलिस ने इसके बाद मालीवाल के घर जाकर उनका बयान दर्ज किया.
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पार्टी के सीनियर लीडर और एक और राज्यसभा सांसद नेता संजय सिंह ने जहां इस बात की पुष्टि की कि केजरीवाल के पीए विभव कुमार ने मालीवाल के साथ दुर्व्यवहार किया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि केजरीवाल ने मामले का संज्ञान लिया है और उचित कार्रवाई करेंगे. मगर शुक्रवार को पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसके बाद मामला उलझ गया. आतिशी ने स्वाती को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का एजेंट करार दे दिया.
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मालीवाल के पूर्व पति नवीन जयहिंद ने आरोप लगाया है कि मालीवाल को धमकाया जा रहा है और उनकी जान को खतरा है. जयहिंद पार्टी के हरियाणा प्रमुख भी रह चुके हैं, पूरी सच्चाई अभी सामने नहीं आई है, लेकिन आप के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पिछले कुछ समय से केजरीवाल और मालीवाल के बीच मतभेद की खबरें आ रही हैं. दावा किया जा रहा है कि केजरीवाल मालीवाल की गिरफ्तारी से पहले और बाद में दिल्ली से उनकी अनुपस्थिति और गिरफ्तारी पर उनकी चुप्पी से खुश नहीं थे. खबरें थीं कि मालीवाल अमेरिका में अपनी बहन से मिलने गई थीं.
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इकोनॉमिक टाइम्स ने लिखा है कि मालीवाल एपिसोड ने दिल्ली के राजनीतिक हलकों में नए सिरे से हलचल मचा दी है. चर्चा है कि राघव चड्ढा और हरभजन सिंह जैसे पार्टी नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. मालीवाल ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी है और माना जा रहा है कि वह पार्टी छोड़ सकती हैं. इस सूची में एक और नाम दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत का भी जुड़ गया है, जो हाल ही में पार्टी के अधिकांश कार्यक्रमों से गायब रहे हैं. केजरीवाल के लिए जो कुछ हफ़्ते की राहत मानी जा रही थी, वह उनके लिए परीक्षा की घड़ी साबित हो रही है. अब उनका ध्यान चुनाव प्रचार और पार्टी के मामलों के बीच बंटा रहेगा.