आंध्र प्रदेश की सियासत में खाद की कमी और कथित घोटाले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. वाईएसआरसीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने बुधवार को मौजूदा मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में "कृत्रिम यूरिया संकट" खड़ा किया गया है और इसकी आड़ में 200 से 250 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है. जगन मोहन रेड्डी ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि यूरिया की आपूर्ति को जानबूझकर ब्लैक मार्केट की ओर धकेला गया, जिससे खाद की कमी बनी.
जगन ने कहा, "चंद्रबाबू नायडू की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है. अवैध कमाई सत्ता की ऊपरी सतह से निचले स्तर तक बांटी जा रही है." उन्होंने कहा कि किसानों को पर्याप्त समर्थन मूल्य न मिलने के कारण आत्महत्याओं की घटनाएं बढ़ीं और पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने हमेशा किसानों को राहत देने के कदम उठाए थे. साथ ही, उन्होंने नायडू सरकार पर सरकारी संपत्तियों को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप भी लगाया.
वहीं, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए किसानों को आश्वस्त किया कि राज्य में किसी को भी यूरिया की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. अनंतपुर में आयोजित ‘सुपर सिक्स सुपर हिट’ बैठक में उन्होंने केंद्र सरकार के सहयोग से उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया.
नायडू ने कहा कि एनडीए गठबंधन ने किसानों को ‘अन्नदाता सुखीभाव’ योजना के तहत तीन चरणों में 20,000 रुपये देने का वादा किया था. पहली किस्त के तौर पर 7,000 रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं. 47 लाख किसानों के खातों में कुल 3,173 करोड़ रुपये जमा किए गए.
इसके अलावा, नायडू ने दावा किया कि उनकी सरकार ने अनंतपुर को पानी उपलब्ध कराया और ड्रिप सिंचाई के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी दी. उन्होंने कहा कि जब भी किसानों को उचित मूल्य नहीं मिला, हमने हस्तक्षेप किया और यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित की. जरूरत पड़ने पर केंद्र से तुरंत यूरिया मंगवाया गया.
यूरिया विवाद से इतर नायडू ने जगन को राज्य में नए मेडिकल कॉलेज खोलने में योगदान न देने के लिए भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए संस्थानों की स्थापना कर रही है, जबकि जगन "सिर्फ शिलान्यास और फीता काटने जैसे प्रचार तक सीमित" रहे.
नायडू के मुताबिक, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत सरकारी संपत्तियां राज्य के पास रहेंगी और निजी भागीदार जिम्मेदारी के साथ कॉलेज चलाएंगे. योजना के अनुसार 2026-27 तक चार और 2027-28 तक सात नए संस्थान स्थापित किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री नायडू ने जगन को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि विपक्ष में रहते हुए भी विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होना आपकी जिम्मेदारी है. जनता तय करेगी कि आपने कितना योगदान दिया, न कि सिर्फ आपकी पार्टी. (पीटीआई)