अब 'फसल बचाओ, नस्ल बचाओ' महापंचायत करेंगे किसान, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर तैयारी शुरू

अब 'फसल बचाओ, नस्ल बचाओ' महापंचायत करेंगे किसान, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर तैयारी शुरू

30 मार्च को दातासिंहवाला-खनौरी और शंभू मोर्चों पर "फसल बचाओ, नस्ल बचाओ" महापंचायत आयोजित की जाएगी जिसमें स्कूल के 8वीं से 12वीं और यूनिवर्सिटी या कॉलेज के छात्र बड़ी संख्या में भाग लेंगे. 30 मार्च को होने वाली इस महापंचायतों में छात्रों से खेती और MSP गारंटी कानून के महत्व पर विस्तृत चर्चा की जाएगी.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 17, 2025,
  • Updated Mar 17, 2025, 9:26 PM IST

खनौरी बॉर्डर पर बीते कई महीने से किसान आंदोलन करने वाले किसान अब फसल बचाओ, नस्ल बचाओ महापंचायत करेंगे. खनौरी बॉर्डर पर ही 112 दिन से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अनशन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने सोमवार को एक प्रेस रिलीज में फसल बचाओ, नस्ल बचाओ महापंचायत आयोजित करने की जानकारी दी. 

इन दोनों संगठनों ने बताया, 30 मार्च को दातासिंहवाला-खनौरी और शंभू मोर्चों पर "फसल बचाओ, नस्ल बचाओ" महापंचायत आयोजित की जाएगी जिसमें स्कूल के 8वीं से 12वीं और यूनिवर्सिटी या कॉलेज के छात्र बड़ी संख्या में भाग लेंगे. 30 मार्च को होने वाली इस महापंचायतों में छात्रों से खेती और MSP गारंटी कानून के महत्व पर विस्तृत चर्चा की जाएगी.

किसानों की बड़ी तैयारी

प्रेस रिलीज में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा, सोमवार को 112वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर जारी रहा. आज संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर कृषि-विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों के साथ चंडीगढ़ में विस्तृत चर्चा की. सभी विशेषज्ञों ने किसानों की बातों पर मोहर लगाते हुए कहा कि यदि सरकार मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाए तो MSP गारंटी कानून बनाना संभव है और इस से सभी वर्गों को फायदा होगा.

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सड़क बनवाने के लिए ज्ञापन 

किसान नेताओं ने बताया कि शंभू और दातासिंहवाला-खनौरी मोर्चे के आसपास टूटी सड़कों को बनवाने के लिए 21 मार्च को किसान सैकड़ों की संख्या में इकट्ठे हो कर शतराना, नरवाना, घनौर और अंबाला के विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगे. उन्होंने बताया कि 23 मार्च को शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत दिवस पर तीनों मोर्चों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

किसान नेताओं ने कहा कि भारत सरकार को अमेरिका के दबाव में आकर कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क कम नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर भारतीय किसानों को बहुत ज्यादा नुक्सान होगा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि वो अपने देश के किसानों के हितों की रक्षा करे. उन्होंने कहा कि 1998 में भारत ने पहला मुक्त व्यापार समझौता श्रीलंका के साथ किया था और अब तक 13-14 देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते किए जा चुके हैं जिन से भारतीय किसानों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. इसलिए कृषि उत्पादों का आयात हमारे देश में नहीं होना चाहिए. 

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अमेरिकी नीति का विरोध

किसान नेताओं ने कहा कि कृषि आयात मजबूरी में यदि हो भी तो उस पर भारी-भरकम आयात शुल्क लगाना चाहिए. किसान नेताओं ने कहा कि यदि भारत सरकार अमेरिका के दबाव में कृषि उत्पादों पर से आयात शुल्क खत्म करने जैसा कोई गलत कदम उठाती है तो देशभर में किसान उसका विरोध करेंगे. 

 

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