Farmers Protest: आज तय हो जाएगी किसान मार्च की दिशा? सरकार के साथ बैठक के नतीजे तय करेंगे कितना लंबा खिंचेगा आंदोलन

Farmers Protest: आज तय हो जाएगी किसान मार्च की दिशा? सरकार के साथ बैठक के नतीजे तय करेंगे कितना लंबा खिंचेगा आंदोलन

एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े किसानों के आंदोलन की दिशा आज तय होने की संभावना है. क्योंकि, आज सुबह हुई किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मार्च की स्थितियों और रणनीतियों पर चर्चा की. वहीं, सरकार के साथ शाम 6 बजे किसान नेताओं के साथ बैठक होने वाली है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि आज का दिन गुरुवार 15 फरवरी किसान आंदोलन की दिशा और दशा तय कर सकता है. 

सरकार के साथ शाम 6 बजे किसान नेताओं के साथ बैठक होने वाली है.सरकार के साथ शाम 6 बजे किसान नेताओं के साथ बैठक होने वाली है.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 15, 2024,
  • Updated Feb 15, 2024, 12:23 PM IST

एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े किसानों के आंदोलन की दिशा आज तय होने की संभावना है. क्योंकि, आज सुबह में किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने मार्च को लेकर रणनीतियों पर चर्चा की और पुलिस प्रशासन की ओर से दागी गई रबर बुलेट्स को दिखाया. उन्होंने कहा कि आज वह सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं. सरकार के साथ शाम 6 बजे किसान नेताओं के साथ बैठक होने वाली है. वहीं, कल 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद का आह्वान सरकार को परेशान किए है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि आज का दिन गुरुवार 15 फरवरी किसान आंदोलन की दिशा और दशा तय करने वाला साबित हो सकता है. सरकार शाम की बैठक में बड़ा फैसला लेकर किसानों को साध सकती है.   

किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस 

किसान मार्च का नेतृत्व कर रही पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति समेत अन्य किसान संगठनों ने सुबह में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही थी. सुबह करीब 11 बजे हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पुलिस प्रशासन बल प्रयोग कर रहा है. रबर पैलेट्स किसानों पर मारी जा रही हैं. किसान नेताओं ने कहा कि शांतिपूर्वक मार्च के सामने सुरक्षाबलों को खड़ा किया गया है. इस सबके बावजूद सरकार के साथ सकारात्मक बातचीत और समाधान की उम्मीद हम कर रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले बीते दिन 13 फरवरी को दोपहर में किसान संगठनों की आपाताकालीन बैठक में पुलिस की ओर से टिअर गैस के गोले छोड़े जाने और रबर बुलेट्स मारी जाने पर कड़ा विरोध जताया था. ऐसे में आज होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता आंदोलन के रुख को सामने रख सकते हैं या फिर नई रणनीति के साथ आगे बढ़ने या सीमा पर ठहरे रहने का फैसला ले सकते हैं. 

सरकार के साथ आज शाम को बैठक 

किसान नेताओं की केंद्र सरकार के साथ तीसरे दौर की बातचीत आज शाम को होने वाली है. इससे पहले दो बार मांगों को लेकर दोनों पक्षों में बातचीत हो चुकी है, लेकिन सहमति नहीं बन सकी है. लेकिन, आज शाम को केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ किसान नेताओं की बैठक चंडीगढ़ के पंजाब भवन में होनी है. इस बैठक को लेकर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समित के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि बैठक में कोई सकारात्मक समाधान जरूर निकलेगा. हम आज पूरी तरह से सकारात्मक मूड में बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. हम चाहते हैं कि बैठक से पहले इसमे शामिल होने वाले तीनों मंत्रियों से पीएम मोदी बातचीत करें ताकि हम अपनी मांगों के समाधान तक पहुंच सकें. 

शंभू बॉर्डर पर बैठे रहने का फैसला 

आज किसान पंजाब के शंभू बॉर्डर पर बैठे रहेंगे और शांतिपूर्वक विरोध जताएंगे. किसान नेता पंढेर ने कहा कि उन्हें दिल्ली में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए. जब हम कह रहे हैं कि हम पीसफुल बैठेंगे आगे नहीं बढ़ेंगे तो केंद्र सरकार को हम पर शैलिंग नहीं करनी चाहिए. केंद्र सरकार हमें भड़काने का प्रयास कर रही है. हम प्रधानमंत्री से निवेदन करते हैं कि जब किसान शांतिपूर्वक बैठे हो तो उन पर पैरामिलिट्री फोर्सेज शैलिंग ना करें. पंजाब के शंभू बॉर्डर पर ही बैठकर हमारे किसान इंतजार करेंगे. 

भारत बंद का ऐलान सरकार के लिए बड़ी चिंता 

संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान मार्च से पहले ही 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने कहा किसान मार्च को लेकर कहा है कि ऐसा नहीं है कि इस बार हम पीछे हैं. पंजाब जब इकट्ठा होता है तो पूरे देश को जोड़ लेता है.मुद्दे हमारे सबके एक हैं. ना हम किसानों से दूर हैं और ना हमारे लिए दिल्ली दूर है इसलिए सरकार बातचीत से समाधान निकाले. ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में प्रस्तावित बैठक में सरकार के जहन में भारत बंद की बात भी होगी. क्योंकि, भारत बंद होता है तो बड़ी परेशानी हो सकती है. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार बैठक में किसान नेताओं की मांगों पर विचार कर बड़ा फैसला ले सकती है, ताकि भारत बंद बुलाने वाले किसान संगठनों को भी साधा जा सके. 

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