भारतीय किसान यूनियन ने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को प्रयागराज में हुंकार भरी. किसानों को उपज का सही मूल्य दिए जाने, बढ़ी दरों से किसानों को भूमि अधिग्रहण का मुआवजा दिए जाने और किसानों को समय से खाद और बीज उपलब्ध कराने समेत कई अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने पत्थर गिरिजाघर धरना स्थल पर "अन्नदाता हुंकार महापंचायत" के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए किसानों की मांग, डिप्टी सीएम पाठक से मुलाकात, मौलाना रशीदी की विवादित टिप्पणी और पिटाई, अखिलेश यादव से जुड़े सवालों के जवाब दिए.
आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ ही 2027 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राज्य और केंद्र सरकार को किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान करने की मांग की. उन्होंने चेतावनी दी है कि किसानों की समस्याओं को लेकर यह सिर्फ उनके आंदोलन की शुरुआत भर है.
लेकिन, अगर सरकार ने किसानों की वाजिब मांगों पर विचार नहीं किया तो यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि इसका खामियाजा सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा. सरकार किसानो के हित मे काम नहीं कर रही है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को आज सही भाव नहीं मिल रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया है सरकार जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों की जमीन छीनने का काम कर रही है. टिकैत ने कहा कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत ही किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि विधायक और मंत्री बढ़ा हुआ वेतन ले रहे हैं. उन्होंने कहा है कि मार्केट के हिसाब से किसानों की जमीनों के दाम भी सरकार को बढ़ाना चाहिए. उन्होंने सरकार द्वारा की जा रही भूमि अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत में बिजली के निजीकरण और बेसिक स्कूलों के मर्जर का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि अगर बिजली का निजीकरण इतना ही बेहतर है तो आगरा में किसानों की दुर्दशा क्यों हो रही है? उन्होंने सवाल पूछा कि क्या स्कूलों को बंदकर सरकार लेबर तैयार करना चाहती है? शराब के ठेके खुले और स्कूल बंद होंगे? भारतीय किसान यूनियन इसका विरोध करेगा. उन्होंने कहा है कि सरकार को इसका जवाब देना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के माध्यम से किसान अपील भी करेंगे और 2027 में सरकार से भी निपटेंगे.
वहीं, हाल में ही डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से हुई मुलाकात को लेकर टिकैत ने कहा कि जो सरकार हमसे किसानों के मुद्दे पर बातचीत करेगी, हम उससे बातचीत करेंगे. वहीं संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस और पीएम मोदी के जवाब को लेकर राकेश टिकैत ने कहा है कि बीजेपी के एजेंडे में पाकिस्तान और मुसलमान दोनों हैं. बीजेपी इसी में लोगों को उलझाए रखना चाहती है, ताकि लोगों का ध्यान समस्याओं से हटाया जा सके. उन्होंने देश की सीमाओं की हिफाजत को लेकर कहा है कि इस देश की सेनाओं पर छोड़ देना चाहिए.
वहीं, मौलाना साजिद रशीदी द्वारा सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी सांसद डिंपल यादव पर की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर कहा है कि लोगों को यह देखना चाहिए कि टिप्पणी किसने की. उन्होंने कहा कि मौलाना साजिद रशीदी तनखइया है. वह 25 लाख का पैकेज लेकर टीवी चैनलों पर उल जलूल की बहस करते हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि मौलाना को दवाई मिल गई है, लेकिन ऐसी टिप्पणी करने वालों के लिए देश में संविधान और कानून है. कानून के मुताबिक, कार्रवाई होनी चाहिए.
उन्होंने अखिलेश यादव की चुप्पी पर कहा कि हर बात का जवाब दिया जाए यह जरूरी नहीं है. लेकिन मौलाना का इलाज हो गया है. राकेश टिकैत ने कहा कि जब कोई इस तरह की बातें बोलता है तो उसका इलाज करना ही पड़ता है. उन्होंने कहा कि मौलाना को जो दवाई मिली, वह थोड़ी कड़वी थी. लेकिन, उसे अब पूरा आराम मिलेगा. (पंकज श्रीवास्तव की रिपेार्ट)