किसान मार्च को लेकर शंभू बॉर्डर पर हलचल, हरियाणा पुलिस के नोटिस पर मचा बवाल

किसान मार्च को लेकर शंभू बॉर्डर पर हलचल, हरियाणा पुलिस के नोटिस पर मचा बवाल

शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के अध‍िकारियों ने क्षेत्र में बीएनएस की धारा 163 (पूर्व सीआरपीसी की धारा 144) लागू कर दी है, जिसके बाद 4 या उससे ज्‍यादा लोगों के एक साथ होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसे लेकर किसान नेताओं का कहना है कि उनका टेंट पंजाब सीमा में है. ऐसे में हरि‍याणा पुलिस यहां कैसे कोई नोटिस लगा सकती है. वहीं किसान 6 दिसंबर को दिल्‍ली कूच करने के लिए तैयार हैं.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर. (फाइल फोटो)किसान नेता सरवन सिंह पंधेर. (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 05, 2024,
  • Updated Dec 05, 2024, 1:05 PM IST

बीते दिन किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने 6 दिसंबर को हर हाल में दिल्‍ली कूच करने का ऐलान किया है. इससे NH-4 पर शंभू बॉर्डर पर मामला गर्माता दिख रहा है. हरियाणा पुलिस के अध‍िकारियों ने क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 (अब बीएनएस की धारा 163) लागू कर दी है, जिसके बाद इंटरस्‍टेट बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के टेंट में रहने वाले स्थान पर चार या उससे ज्‍यादा लोगों के इकट्ठा होने पर बैन लगा दिया गया है. इसे लेकर किसान नेता ताजवीर सिंह ने केंद्र और पंजाब सरकार पर हमला बोला है. ताजवीर सिंह ने कहा कि सरकार किसानों के दिल्ली मार्च को रोकने की कोशिश कर रही है.

'दि ट्रिब्‍यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेता ने तर्क दिया कि टेंट पंजाब बॉर्डर के 500 मीटर अंदर मौजूद हैं. ऐसे में उन्‍हें अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि हरियाणा पुलिस को सीमा पार करने और वहां कानूनी धारा लागू करने की अनुमति किसने दी. मालूम हो कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने पहले ही 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया था. किसान यह मार्च एमएसपी की गारंटी, कृषि लोन माफी और कृषि सुधारों सहित अपनी मांगों को लेकर करने की बात कह रहे हैं, ताकि सरकार पर दबाव बन सके. किसानों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की बात कही है.

पुलिस ने नोटिस लगाकर दी चेतावनी

एक टेंट पर हरियाणा पुलि‍स की ओर से चिपकाए गए नोटिस में किसानों को सूच‍ित किया गया है कि कानून के मुताबिक, किसी भी जुलूस या सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों से अनुमति लेना अनिवार्य है. संबंधित अधिकारी ऐसे किसी भी जुलूस पर रोक लगा सकते हैं, जिससे उन्हें संदेह हो कि इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है. पुलिस ने किसानों से मार्च निकालने के अपने फैसले पर फिर से सोच-विचार करने की अपील की है, क्‍योंकि दिल्ली में निर्धारित स्थल पर विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति अभी भी नहीं मिली है.

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मार्च में 16 किसान संगठन होंगे शामिल

वहीं, किसान फिलहाल पुलिस-प्रशासन की बात सुनने को तैयार नहीं है. प्रमुख किसान नेताओं की ओर से अलग-अलग किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को 5 दिसंबर शाम 5 बजे तक शंभू बॉर्डर पहुंचने के लिए कहा गया है. सरवन सिंह पंढेर ने 16 किसान संगठनों के दिल्‍ली चलो मार्च में हिस्सा लेने की बात कही है. वहीं, अंबाला के एसपी और डिप्‍टी कमिश्‍नर ने भी किसानों से अपील की है कि वे कूच करने से पहले दिल्‍ली पुलिस से अनुमति हासिल करें, ताकि किसी प्रकार की अव्‍यवस्‍था न हो.

अंबाला SP और DC ने किसानों से की अपील

अंबाला एसपी सुरिंदर सिंह भोरिया ने कहा कि किसानों से दिल्‍ली मार्च के लिए जरूरी अनुमति लेने के लिए कहा गया है. अगर उन्हें अनुमति मिलती है, तो वे प्रशासन को बताएं, ताकि व्यवस्था की जा सके. वहीं अंबाला के डिप्टी कमिश्नर पार्थ गुप्ता ने कहा कि किसानों से मार्च से पहले दिल्ली पुलिस से जरूरी अनुमति लेने की अपील की गई है. जिले में शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे.

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