संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की ओर से बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि किसानों के हित के लिए सगंठन आरपार की लड़ाई लड़ेगा. वह किसानों की मांग के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं और उन्हें वहां जाने से कोई नहीं रोक सकता है. किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम सरकार की तोड़ने और कार्रवाई से नहीं डरने वाले हैं. जत्थों और कैडर की ओर से अपील की गई है कि 5 दिसंबर की शाम 6 बजे मोर्चों पर पहुंचें. उन्होंने किसान आंदोलन को समर्थन करने वाले देश के तमाम किसान संगठनों और सामाजिक संगठनों का धन्यवाद दिया.
पंजाब के शंभू बॉर्डर पर एसकेएम गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा की बुधवार 4 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम दिल्ली जाएंगे और किसानों के मुद्दों को हल कराने के लिए लड़ेंगे. दिल्ली कूच के लिए 48 घंटे बाकी रह गए हैं. हमने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का पहले ही कार्यक्रम तय कर रखा है. किसान संगठन की ओर से प्रशासन को पहले ही इस बारे में क्लियर कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीते दिन पीएम मोदी चंडीगढ़ आए थे, कई मंत्री भी आए थे पर किसानों की समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
सरवन सिंह पंढेर ने कह कि जत्थेबंदों ने सारे कैडर की ओर से अपील की गई है कि 5 दिसंबर को हर कोई शाम 6 बजे से पहले पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर पहुंच जाए. कोई भी बंदा घर पर नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि लगातार किसान मजदूर सीमाओं पर पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि जितने भी फिल्मी सितारे या हस्तियां हैं उनसे भी अपील हम कर रहे हैं कि वह किसानों की हक की बात करें. हम कह रहे हैं कि अगर खेती बर्बाद हुई तो सारा पंजाब, हरियाणा और देश के अन्य हिस्से तबाह होंगे.
पंढेर ने किसान आंदोलन को समर्थन दे रही खाप पंचायतों, किसान संगठन बीकेजू एकता आजाद, बीकेजू दोआबा, बीकेजू शहीद भगत सिंह हरियाणा, राष्ट्रीय किसान सभा मध्य प्रदे, पंजाब और राजस्थान के किसान और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं और सभी लोगों को धन्यवाद दिया.
सरवन सिंह पंढेर ने आगे कहा कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की बात ही केंद्र सरकार और कृषि मंत्रालय को सुन लेनी चाहिए. उप राष्ट्रपति ने बीते दिन कहा था कि किसान अगर आज के दिन आंदोलित हैं, उस आंदोलन का आकलन सीमित रूप से करना बहुत बड़ी गलतफहमी और भूल होगी. "मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से बातचीत क्यों नहीं हो रही है? ''मैं यह समझने में असफल हूं कि हम अर्थशास्त्रियों, थिंक टैंकों के परामर्श से एक ऐसा फॉर्मूला क्यों नहीं बना सकते, जो हमारे किसानों को पुरस्कृत कर सके. अरे, हम तो जो देय है, उसके बदले इनाम भी नहीं दे रहे हैं. जो वादा किया है, हम उस वादे में कंजूसी कर रहे हैं.''
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का 26 नवंबर से खनौरी मोर्चे पर आमरण अनशन चल रहा है और आज 9वां दिन है. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी ने पुनः किसानों के मुद्दों पर बड़े गंभीर बयान दिए हैं और तमाम राजनीतिक पार्टियों और खेती से जुड़े संस्थानों को आईना दिखाने का कार्य किया है. डल्लेवाल ने कहा कि हम माननीय उपराष्ट्रपति के बयानों का सम्मान और स्वागत करते हैं. किसान नेताओं ने बताया कि खनौरी मोर्चे को और अधिक मजबूत करने के लिए कल पंजाब के कई जिलों से नौजवानों का एक बड़ा जत्था खनौरी मोर्चे पर आएगा. इसके बाद 7 दिसंबर से रोजाना बड़े-बड़े जत्थे खनौरी मोर्चे पर पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर से कर्नाटक और तेलंगाना की राजधानियों में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी के आमरण अनशन के समर्थन में रोजाना 100 किसान क्रमिक अनशन पर बैठेंगे.
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