जया बच्चन के आरोप पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़, जया ने कहा- 'आपकी टोन ठीक नहीं...'

जया बच्चन के आरोप पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़, जया ने कहा- 'आपकी टोन ठीक नहीं...'

राज्यसभा में जया बच्चन के आरोप पर सभापति जगदीप धनखड़ भड़क गए. राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने संसद में सभापति की टोन पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये स्वीकार्य नहीं है. संसद में इस पर जोरदार हंगामा हुआ.

भड़के सभापति जगदीप धनखड़भड़के सभापति जगदीप धनखड़
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 09, 2024,
  • Updated Aug 09, 2024, 2:03 PM IST

संसद में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान समाजवादी पार्टी की सासंद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टोन पर सवाल उठाए. जया बच्चन ने कहा कि मैं एक कलाकार हूं. बॉडी लैंगुएज समझती हूं. एक्प्रेशन समझती हूं. उन्होंने कहा कि मुझे माफ करिएगा लेकिन आपकी टोन जो है, वह ठीक नहीं है. ये स्वीकार्य नहीं है. जया बच्चन की टिप्पणी पर सभापति भड़क गए. राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ और विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. विपक्षी सदस्यों ने 'दादागिरी नहीं चलेगी' के नारे लगाए.

जया बच्चन पर भड़के सभापति ने कहा कि आपने महान उपलब्धि हासिल की है, आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है. आप मेरी टोन पर सवाल उठा रही हैं. उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा. आप सेलिब्रिटी हैं. इस पर विपक्ष की तरफ से यह कहा गया कि ये सीनियर मेंबर हैं संसद की, आप इन्हें सेलिब्रिटी कैसे कह सकते हैं.

सभापति ने किया इमरजेंसी जिक्र

इस पर सभापति ने कहा कि सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं. मेरे पास अपनी स्क्रिप्ट है. विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए. हंगामे पर सभापति ने कहा कि ये चर्चा में शामिल नहीं होना चाहते. ये अपनी ड्यूटी से वॉकआउट कर रहे हैं. सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन से लेकर इमरजेंसी तक का जिक्र कर विपक्ष पर सवाल उठाए.

सभापति ने 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि आज ये संसद छोड़ गए. विश्व हमें रिकॉग्नाइज कर रहा है. जनता विकास देख रही है. हम विकास यात्रा पर हैं. मैं इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल पूरी जिम्मेदारी के साथ करता हूं. उन्होंने कहा कि भारत शांतिपूर्ण देश है. भारत के पीएम को वैश्विक रिकॉग्नाइजेशन है. भारत ने लगातार तीसरी बार सरकार रिपीट करके इतिहास रच दिया है. कुछ लोग पड़ोसी देश का उदाहरण दे रहे हैं.

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विपक्ष ने किया सदन से वॉकआउट

सभापति ने कहा कि एक सेगमेंट नैरेटिव सेट कर रहा है, हमारी संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं. सभी राइटविंग सोच वाले लोगों से अपील करता हूं कि ये शांत रहने का समय नहीं है. क्या हो रहा है, देख रहे हैं. विपक्ष ने एलओपी एलओपी करते हुए वॉकआउट कर दिया. उन्होंने इमरजेंसी का जिक्र कर भी कांग्रेस को घेरा और कहा कि ये साधारण व्यवधान नहीं है. इसके पीछे पूरा मैकेनिज्म है. ये हर नागरिक को जानना चाहिए कि ये लोकतंत्र का अपमान है.

'ये लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है'

विपक्ष के नेताओं द्वारा राज्य सभा में आसम के अपमान के उत्तर में केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये सदन केवल ईंट और गारो का भवन नहीं है, ये लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है. मैं, 6 बार लोकसभा और 6 बार विधानसभा का सदस्य रहा हूं, मैं या तो विधानसभा में या तो लोकसभा में आया हूं, लेकिन अपने जीवन में मैंने प्रतिपक्ष का ऐसा अमर्यादित, अशोभनीय व्यवहार कभी नहीं देखा है.

प्रतिपक्ष को माफी मांगनी चाहिए- शिवराज

आज मन व्यथित है, वेदना से भरा हुआ है ये केवल आसन का अपमान नहीं है, ये देश के लोकतान्त्रिक मूल्यों का अपमान है. ये लोकतंत्र का अपमान है, ये संविधान का अपमान है. आज ये सिद्ध हो गया है कि, गैर जिम्मेदार प्रतिपक्ष, देश को अराजकता में झोंकने का प्रयास कर रहा है. हम लोग उत्तर के लिए आते हैं, तो केवल प्रश्नकर्ता का जवाब नहीं देते हैं, हम वो जवाब जनता के लिए भी देते हैं, लेकिन आज प्रश्नकाल में जो व्यवहार किया है, सचमुच में इसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता. इसके लिए प्रतिपक्ष को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने सारे सदन को शर्मसार किया है, देश को शर्मसार किया है.  

विपक्ष को मांफी मांगनी चाहिए- नड्डा

नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि सत्ताधारी दल ही नहीं, पूरा देश आपके साथ खड़ा है. जिस तरह का व्यवहार आपके साथ हुआ है, वह गैरजिम्मेदाराना और अशोभनीय है. वे इतना नीचे आ गए हैं कि पार्टी और व्यक्ति का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं. ऐसी शक्तियां जो देश को विभाजित करना चाहती हैं, उनके साथ जब विपक्ष की आवाज दिखती है तब संशय होता है कि क्षेत्रीय पार्टियों का एजेंडा देश को कमजोर करने का बन गया है. सारी पार्टियां इस बात के लिए कि किसी भी तरह से हाउस न चले, इससे प्रेरित हैं. उनको माफी मांगनी चाहिए और सदन की मर्यादा की जो बात वे कहते हैं, उनको माफी मांगनी चाहिए. 

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