यूपी में उपचुनाव, एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच फिर होगा मुकाबला 

यूपी में उपचुनाव, एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच फिर होगा मुकाबला 

उत्‍तर प्रदेश में जल्‍द ही उपचुनाव होने हैं और इन चुनावों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ-साथ समाजवादी पार्टी (सपा) की भी नजरें हैं.  इन चुनावों में एक बार फिर इंडिया ब्‍लॉक और एनडीए  गठबंधन का आमना सामना होगा. उत्तर प्रदेश में विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई 10 विधानसभा सीटें और एक सीट विधान परिषद की है जिस पर उपचुनाव होने हैं.

Rajasthan Lok Sabha Exit Poll 2024: In the 2019 and 2014 Lok Sabha polls, the BJP-led NDA swept the desert state and bagged all 25 seats.Rajasthan Lok Sabha Exit Poll 2024: In the 2019 and 2014 Lok Sabha polls, the BJP-led NDA swept the desert state and bagged all 25 seats.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jun 29, 2024,
  • Updated Jun 29, 2024, 8:44 PM IST

उत्‍तर प्रदेश में जल्‍द ही उपचुनाव होने हैं और इन चुनावों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ-साथ समाजवादी पार्टी (सपा) की भी नजरें हैं.  इन चुनावों में एक बार फिर इंडिया ब्‍लॉक और एनडीए  गठबंधन का आमना सामना होगा. उत्तर प्रदेश में विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई 10 विधानसभा सीटें और एक सीट विधान परिषद की है जिस पर उपचुनाव होने हैं.  जिन दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से पांच सपा के पास हैं जबकि तीन बीजेपी के पास हैं. एक-एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और निषाद पार्टी के पास है, जो दोनों एनडीए में गठबंधन सहयोगी हैं.  विधान परिषद की एक सीट स्‍वामी प्रसाद मौर्य के इस्‍तीफे के बाद खाली हो गई थी. 

जीत की पूरी कोशिश में बीजेपी 

विधानसभा उपचुनावों के नतीजों का राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन लोकसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बीजेपी निश्चित रूप से अपनी मौजूदा सीटों को वापस पाने और सपा से कुछ सीटें छीनने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी.  उपचुनाव वाली सीटों में से एक मिल्कीपुर है, जो फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इसके तहत अयोध्या भी आता है. मिल्कीपुर विधायक और सपा नेता अवधेश प्रसाद लोकसभा चुनाव में एक बड़े विजेता के तौर पर उभरे थे. उन्‍होंने फैजाबाद सीट से बीजेपी के दिग्गज लल्लू सिंह को हराया था जिससे पार्टी को झटका लगा था. 

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क्‍या पार्टी पर है कोई दबाव 

मैनपुरी सीट पर भी उपचुनाव होगा जहां से सपा मुखिया अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव में चुने गए थे. अखिलेश लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट से जीते हैं और अब यह सीट खाली है.  राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी पर अच्छा प्रदर्शन करने का भारी दबाव होगा. सीटों का कोई भी नुकसान पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डाल सकता है.  लोकसभा चुनाव में राज्य में अपने प्रदर्शन के बाद बीजेपी की नजरें अब इन उपचुनावों पर जरूर होंगी. हालांकि बीजेपी नेता इस बात को मानने से इनकार कर देते हैं कि पार्टी पर किसी तरह का कोई दबाव है.

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सपा ने लिया बड़ा फैसला 

वहीं अगर विधान परिषद के चुनाव की बात करें तो बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य के इस्‍तीफे के बाद जो सीट खाली हुई थी, उस पर सपा ने उम्‍मीदवार न उतारने का फैसला किया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के साथ ही इस साल 20 फरवरी को विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था. उनका कार्यकाल छह जुलाई, 2028 तक था.  पार्टी सूत्रों की मानें तो विधायकों के संख्या बल को देखने के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया है.  चूंकि यह सीट विधानसभा कोटे की है. ऐसे में विधायकों की संख्या के हिसाब से इस सीट पर बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है. 

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जानिए विधानसभा का गणित 

इस समय विधानसभा में बीजेपी के अकेले 249 विधायक हैं जबकि सपा के 103 हैं. बीजेपी की की सहयोगी अपना दल सोनेलाल के 13, रालोद के आठ, निषाद पार्टी के पांच और सुभासपा के छह सदस्य हैं. वहीं, सपा की सहयोगी कांग्रेस के सिर्फ दो विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी गठबंधन के कुल 281 सदस्य हैं जबकि सपा गठबंधन के 105 सदस्य हैं. 
 


 

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