मेरठ में गन्ना मूल्य और बकाया भुगतान जैसी कई मांगों को लेकर शुक्रवार को भाकियू टिकैत के बैनर तले ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार सैकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट पर चढ़ाई कर दी. कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देते हुए किसानों ने अपनी 17 मांगें पूरी करने के लिए ज्ञापन दिया और कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो वे इससे भी बड़ा धरना प्रदर्शन करेंगे.
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के साथ दर्जनों गांवों से सैकड़ों किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. हाथों में गन्ने लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देते हुए जमकर हंगामा किया. किसानों को जब कलेक्ट्रेट में नहीं जाने दिया गया और बैरिकैटिंग लगा दी गई तो उसको हटाकर किसान अंदर पहुंच गए.
अनुराग चौधरी ने बताया कि किसानों की समस्याओं का समाधान न होने पर उन्होंने दिवाली से पहले कलेक्ट्रेट में धरने का ऐलान किया था. मांगें पूरी न होने पर वे आज किसानों के साथ धरना देने पहुंचे हैं. अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई तो बड़ा धरना प्रदर्शन करेंगे.
अनुराग चौधरी ने बताया कि गन्ना मूल्य बढ़ाने, गन्ने का बकाया भुगतान, रजवाहों की सफाई, गांव में बिजली सप्लाई और ट्रांसफार्मर आदि की डिमांड सहित 17 सूत्रीय मांगों को लेकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह ही भट्टी लगाकर दोपहर का खाना बनाया और साउंड माइक सिस्टम लगाकर किसान पंचायत का आयोजन किया. इस किसान पंचायत में गन्ना मूल्य वृद्धि, बकाया भुगतान, सिंचाई विभाग की समस्याओं समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
इस दौरान किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए एडवोकेट भी पहुंचे, जिनका नेतृत्व पूर्व महामंत्री अमित दीक्षित ने किया. उन्होंने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए हर आंदोलन में उनका साथ देने का आश्वासन दिया.
किसान नेता अनुराग चौधरी ने सभी किसानों से संगठित होकर सरकार पर दबाव बनाने और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अगर 10 नवंबर तक कमिश्नरी आंदोलन और आज की किसान पंचायत में उठाई गई समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो 10 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जिलाधिकारी कार्यालय पर शुरू किया जाएगा.
अपर जिलाधिकारी शहर बृजेश सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि 22 अक्टूबर तक मलियाना समिति का गन्ना भुगतान और 2 नवंबर को मिल चलने से पहले जनपद मेरठ का पूरा गन्ना भुगतान किया जाएगा.