महाराष्ट्र के इन जिलों में बारिश की संभावना, फसलों का ऐसे बचाव करें किसान

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महाराष्ट्र के इन जिलों में बारिश की संभावना, फसलों का ऐसे बचाव करें किसान

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24 सितंबर दिन मंगलवार को महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में बारिश के आसार हैं. मौसम विभाग ने कहा है कि महाराष्ट्र के कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और विदर्भ क्षेत्र में मंगलवार को भारी बारिश हो सकती है.

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मौसम विभाग ने कहा है कि कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ में मंगलवार को कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश होने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने इस बात की जानकारी दी है.

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बारिश और बिगड़ते मौसम को देखते हुए मौसम विभाग ने मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ के किसानों के लिए फसल एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि किसान अरहर, मक्का, सूरजमुखी, मूंगफली, सोयाबीन और सब्जियों के खेत में अधिक पानी हो तो उसे निकालने का इंतजाम करें.

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एडवाइजरी में कहा गया है कि धान के खेत में पानी का स्तर 5-10 सेमी रखा जाना चाहिए. हल्दी, मूंगफली और सब्जियों के खेत में किसानों को निराई-गुड़ाई का काम करना चाहिए. अगर बारिश कम हुई हो तो धान के खेत में एन उर्वरक 440 ग्राम प्रति गुंठा की तीसरी डोज का छिड़काव करने की सलाह है.

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एडवाइजरी में कहा गया है कि रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण ऊपरी खेत में बोए गए धान में आर्मीवर्म का प्रकोप होने की संभावना है. यदि प्रकोप दिखाई दे तो कम बारिश होने पर क्लोरपाइरीफॉस 1.5% डीपी पाउडर का छिड़काव करें. बादल छाए रहने और नमी वाले मौसम के कारण आम की नई टहनियों पर छेदक लार्वा का प्रकोप होने की संभावना है. इसके नियंत्रण के लिए साफ मौसम में लैम्डा साइहेलोथ्रिन 5% ईसी 6 मिली या क्विनोल्फॉस 25% ईसी 25 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

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किसानों को सलाह दी गई है कि पके सोयाबीन की कटाई करें और कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थानों पर रखें. पके उड़द की फसल की कटाई पूरी करें और उसे सुरक्षित स्थानों पर रखें. चावल के खेतों (फूल आने की अवस्था) में 10 सेमी पानी का स्तर बनाए रखें. सोलापुर जिले में रबी ज्वार और वर्षा आधारित चना की बुवाई के लिए भूमि की तैयारी जारी रखें.

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पके मूंगफली की कटाई जारी रखें और उसे सुरक्षित स्थानों पर रखें. प्याज की नर्सरी की बुवाई करें. सोयाबीन फूलने की अवस्था में है तो स्पोडोप्टेरा लिथुरा की निगरानी के लिए 5 फेरोमोन ट्रैप/हेक्टेयर स्थापित करें.

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अरहर में यदि पत्ती-रोलिंग कैटरपिलर का प्रकोप दिखाई दे, तो साफ मौसम के दौरान नीम अर्क 5% या एजाडिरेक्टिन 1500 पीपीएम 5 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. पपीते पर रिंग स्पॉट या मोजेक या केवड़ा रोग के नियंत्रण के लिए, साफ मौसम के दौरान डाइमेथोएट 10 मिली या निमार्क 10 मिली प्रति 10 लीटर पानी का छिड़काव करें.

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