Photos: एरोपोनिक तकनीक से आलू उगाएं, 10 गुना अधिक पैदावार पाएं

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Photos: एरोपोनिक तकनीक से आलू उगाएं, 10 गुना अधिक पैदावार पाएं

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एरोपोनिक टेक्निक से आलू उगाने में मिट्टी का उपयोग नहीं होता, हवा में खेती की जाती है, जिससे आलू की ज्यादा उपज हासिल होती है. सा‍थ ही आलू की गुणवत्‍ता मिट्टी में उगाए गए आलू से बेहतर रहती है. इस तकनीक से पैदावार 10 गुना ज्यादा होगी. Photo Credit- Pinterest

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एरोपोनिक तकनीक में बड़े-बड़े बक्‍सों में आलू के पौधे लटकाए जाते हैं. इस तकनीक से प्राप्‍त बीज बीमारी रहि‍त होते हैं.बक्‍से में लटके हुए आलू की जड़ों के माध्‍यम से पौधे को पोषक तत्व दिए जाते हैं. Photo Credit- Pexels

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एरोपोनिक तकनीक का फायदा यह है कि इससे ज्‍यादा आलू उगाए जा सकते हैं. तकनीक के तहत टिश्यू कल्चर और बायोटेक्नोलॉजी की सहायता से पौधे तैयार किए जाते हैं. एक पौधे में करीब 40 आलू प्राप्‍त होते हैं. Photo Credit- Pexels
 

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इस तकनीक से खेती के लिए सबसे पहले टिश्यू कल्चर से तैयार किए गए पौधों को 20 दिन तक कोकोपिट में रखा जाता है. इसके बाद कोकोपिट से पौधे निकालकर एरोपोनिक में लगाए जाते  हैं. Photo Credit - Pexels

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एरोपोनिक में पौधों को अलग-अलग पोषक तत्व उपलब्‍ध कराए जाते है. बॉक्‍स में हर दिन आलू की क्वालिटी और अच्‍छे साइज के लिए पौधों का पीएच मान चेक किया जाता है. Photo Credit - Pinterest

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एरोपोनिक तकनीक से हर 3 महीने में आलू की उपज हासिल की जा सकती है. मिट्टी से संपर्क नहीं रहने के कारण आलू का पौधा पूरी तरह से स्वस्थ रहता है. साथ ही इस पर कीटों या रोगों का हमला भी नहीं होता. Photo Credit - Pexels

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हरियाणा सरकार ने किसानों से एरोपोनिक तकनीक से आलू की खेती को बढ़ावा देने की अपील की है. इससे उन्‍हें अध‍िक मुनाफा होगा. इस तकनीक से खेती को लेकर सभी सवालों के जवाब हरियाणा सरकार के बागवानी विभाग के टोल फ्री नंबर 1800 180 2021 पर फोन कर हासिल किए जा सकते हैं. Photo Credit - Pinterest
 

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