फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. सही समय पर बुवाई, उन्नत किस्मों का चयन और उचित मात्रा में खाद और पानी का प्रबंधन फसल की पैदावार को बढ़ाने में मदद करते हैं.
ये सभी जानकारी किसानों को विशेषज्ञों द्वारा दी जाती है, लेकिन कई ऐसे भी टिप्स हैं जिसकी मदद से अपनी फसल से अधिक उपज लिया जा सकता है. दरअसल, देसी नुस्खे से अपनी खेती में चार-चांद लगाया जा सकता है. साथ ही फसल बचाव और उत्पादन बढ़ाने के लिए देसी नुस्खा अपनाया जा सकता है.
खाद और दवा के महंगे युग में किसान घर पर बनी जैविक खाद से फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं. इसमें उनका खर्च लगभग शून्य आएगा और मामूली खर्च डीकंपोजर खरीदने पर लगेगा. घर पर जैविक खाद बनाने के लिए गोबर, डीकंपोजर और सड़ी पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इन सभी चीजों की मदद से खाद तैयार करने और फसल पर छिड़काव करने से बेहतर फायदा मिलता है. इस खाद को बनाने के लिए सबसे पहले गाय या भैंस का 500 मिली गोबर लेना है. इसके ऊपर सूखी पत्तियां डाल देनी है. इन पत्तियों पर अब डीकंपोजर का छिड़काव करना है. फिर इसे कम से कम 30-35 दिनों तक छोड़ देना है.
ध्यान रखें कि इस पूरे मिश्रण को ढक कर रखना है. एक महीने बाद यह मिश्रण जैविक खाद के रूप में तैयार हो जाएगी. इस मिश्रण को फसल पर छिड़काव करने से कीट और बीमारियों से राहत मिलेगी. वहीं, कीटों से बचाव के लिए इसमें नीम की पत्तियां सबसे अधिक कारगर होती हैं.
नीम के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं जो कीड़ों को खत्म करते हैं. इसके लिए नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर, फिर उसे ठंडा कर सब्जियों की फसल पर छिड़कना चाहिए. इससे कीट और रोगों से बचाव में मदद मिलती है. साथ ही सब्जी की फसल से पैदावार भी अधिक मिलती है.
किसानों को अपनी सब्जियों की फसलों को कीटों से बचाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसान इस देसी नुस्खे से बनाई गई जैविक खाद का इस्तेमाल करके अपनी फसलों को कीटों और रोगों से बचा सकते हैं.